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मंगल ग्रह ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रह गोचर में अपना तीसरा स्थान रखते हैं। मंगल ग्रह को भौम या भूमिपुत्र भी कहा गया है। मंगल अग्नि तत्व और क्रोध के देवता भी माने जाते हैं। इनका रंग शास्त्रों में लाल वर्ण का बताया गया है। साथ में इन्हें युद्ध और उत्साह का देवता भी माना जाता रहा है। जन्म कुंडली में मंगल प्रथम भाव यानी के लग्न के स्वामी ग्रह मानें जाते है। यह हमारें शरीर के कारक ग्रह भी होते हैं। कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति यह बता देती है की जातक की शरीर शारीरिक सरंचना किस प्रकार है, वह दुबला पतला है अथवा सुडौल और बलिष्ठ शरीर वाला है। यह सब मंगल ग्रह के ऊपर ही निर्भर करता है। हमारे शरीर के मुख्य कारक तत्व रक्त का कारक भी मंगल ग्रह ही है अर्थात शारीरिक दृष्टि से मंगल का जन्म पत्रिका में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
यदि गोचर की बात करें तो मंगल ग्रह लगभग 45 दिनों के भीतर अपनी राशि गोचर परिवर्तित करते हैं। मंगल ग्रह मकर राशि में 28 डिग्री तक परम् उच्च की अवस्था में होते हैं उस समय मंगल ग्रह अपना सबसे अच्छा प्रभाव देते हैं। जबकि कर्क राशि के 28 डिग्री तक नीचस्थ होते हैं उस समय उनका प्रभाव थोड़ा परेशानी वाला हो सकता है। नवग्रह मंडल में मंगल ग्रह के सूर्य, चंद्रमा, और बृहस्पति मित्र ग्रह हैं और साथ ही बुध शत्रु ग्रह हैं तथा शुक्र एवं शनि सम अवस्था के कहे जाते हैं।
मित्र | सम | शत्रु | उच्च | नीच | स्वराशि | कारक | राशि परिवर्तन समय |
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सूर्या, चन्द्र, गुरु | शुक्र, शनि | बुध | मकर 28° | कर्क 28° | मेष, वृश्चिक | सहज | 45 दिन |
मित्र ग्रहों की राशियों में मंगल का प्रभाव बहुत शुभ माना जाता है व समान ग्रहों के साथ मंगल का प्रभाव सामान्य होता है। शत्रु ग्रहों के साथ मंगल का प्रभाव कष्टदायक कहा गया है। शुक्र के साथ मंगल की युति होने पर व्यभिचार तथा शनि के साथ होने पर क्लेश होता है। गृह गोचर के अनुसार मंगल दक्षिण दिशा के स्वामी, रक्त वर्ण तथा धैर्य और पराक्रम के कारक ग्रह हैं। जन्मकुंडली के तीसरे और छठे स्थान में मंगल बली माने जाते हैं। दुसरे स्थान में मंगल निष्फल होते हैं। दसवें और आठवें स्थान में भी विशेष प्रभावी तथा चंद्रमा के साथ श्रेष्ठबलि माने जाते हैं। मंगल ग्रह को कुंडली में बहन एवं भाइयों का कारक भी माना जाता है। यदि किसी जातक की पत्रिका में मंगल की स्थिति और लग्न चतुर्थ भाव, सप्तम, आठवें या बारहवें भाव में हो तो वह मांगलिक भी माना जाता है। आइये जानते हैं की कब और किस राशि में मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन हो रहा हैं। मंगल ग्रह का गोचर आपकी राशि पर क्या परिवर्तन लायेगा? जानिए सम्पूर्ण जानकारी मंगल ग्रह के राशि परिवर्तन को लेके।
मंगल का राशि परिवर्तन | तिथि | समय |
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सिंह से कन्या राशि में | सोमवार, 28 जुलाई, 2025 | 07:57 PM |
कन्या से तुला राशि में | शनिवार, 13 सितंबर, 2025 | 09:21 PM |
तुला से वृश्चिक राशि में | सोमवार, 27 अक्टूबर, 2025 | 03:41 PM |
वृश्चिक से धनु राशि में | रविवार, 7 दिसंबर, 2025 | 08:15 PM |
धनु से मकर राशि में | गुरुवार, 15 जनवरी, 2026 | 04:25 PM |
मकर से कुंभ राशि में | मंगलवार, 23 फरवरी, 2026 | 11:49 AM |
कुंभ से मीन राशि में | गुरुवार, 09 अप्रैल, 2026 | 11:00 PM |
मीन से मेष राशि में | गुरुवार, 14 मई, 2026 | 05:00 PM |
मेष से वृषभ राशि में | गुरुवार, 02 जुलाई, 2026 | 11:00 AM |