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सुख समृद्धि खुशहाली प्रकाश का त्योहार दिवाली सन 20 अक्टूबर 2025 में पूर्ण उत्साह से और भक्ति के साथ मनाया जाएगा यह पाँच दिवसीय महापर्व केवल घर आंगन को रोशनी से सजाने का नहीं बल्कि यह त्यौहार तो आंतरिक जीवन में प्रकाश आंतरिक जीवन में अज्ञान पर ज्ञान की, और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दिवाली के इस पर्व में हम दिवाली 2025 के शुभ मुहूर्ततिथि पूजा विधिऔर इसके पौराणिक कथाओं और इसके विशेष धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व विस्तृत चर्चा करेंगे
हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार दिवाली 2025 कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है| इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार त्योहार 20 अक्टूबर 2025 सोमवार को पड़ रहा है| इस दिन लक्ष्मी गणेश, की पूजा का विशेष महत्व होता है| कुबेर जी, की पूजा होती है| व्यापारी लोग अपने घर में अपने औजारों,जैसे बही खाता,दावत जिस भी कामगार कार्य करते हैं| उन की पूजा करते हैं| सबसे पहले यह जानना जरूरी है| की दिवाली 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है| शुभ समय क्या है| ताकि सही समय पर पूजन संपन्न हो सके, और पर्व का लाभ लिया जा सके|
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान का फल शुभ मुहूर्त में किए जाने से हजार गुना अधिक बढ़ जाता है| दिवाली 2025 शुभ समय पूजन के लिए निश्चित मुहूर्त के जानकारी होना बहुत आवश्यक होता है| हमेशा मुहूर्त पर ही लक्ष्मी पूजन होता है| हिन्दू पंचांग गणना के अनुसार 20 अक्टूबर 2025 की शाम को लक्ष्मी पूजन का शुभ
समय आएगा, 2025 दिवाली पूजा मुहूर्त की सटीक जानकारी astroswamig पर उपलब्ध है| 20 अक्टूबर 2025 और 21 अक्टूबर 2025 इन दो दिनों में इस बार दीपावली का शुभ मुहूर्त है| दिवाली पूजन हमेशा अमावस्या तिथि पर होता है| क्योंकि अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को प्रारंभ हो कर के और 21 अक्टूबर को शाम को 5:55 पर दिल्ली के समय के अनुसार पूर्ण हो जाएगी तो दोनों दोनों में दीपावली का शुभ मुहूर्त माना जाएगा और दोनों ही दिनों में दीपावली मनाई जाएगी| राशिफल 2026 या Horoscope 2026 से आने वाले साल की जानकारी प्राप्त करें।
| तिथि (Tithi) | 20 अक्टूबर 2025 |
| दिन | सोमवार |
| लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (शाम) | शाम 06:02 बजे से शाम 07:58 बजे तक |
| प्रदोष काल | शाम 05:44 बजे से रात्रि 08:19 बजे तक |
| वृषभ काल (स्थिर लग्न) | शाम 06:00 बजे से रात्रि 08:39 बजे तक |
| अमावस्या तिथि का प्रारंभ | 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 03:45 बजे से |
| अमावस्या तिथि की समाप्ति | 21 अक्टूबर 2025, शाम 05:55 बजे तक |
दिवाली ज्योतिष मुहूर्त 2025 निर्धारण करने के लिए भारतीय ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या तिथि, शुभ चौघड़िया, स्थिर लग्न,और चंद्रमा को विशेष आधार बनाया जाता है| उत्तम दिवाली ज्योतिष मुहूर्त 2025 के लिए, शुभ नक्षत्रों में रोहिणी, घनिष्ठ, पुनर्वसु, श्रवण, में किसी एक नक्षत्र का होना विशेष शुभ माना जाता है|
यह मुहूर्त निश्चित करता है| कि 2025 दिवाली शुभ मुहूर्त में शुभ समय की गई पूजा | घर में स्थाई सुख समृद्धि, सुख शांति, बरकत और ऐश्वर्या को ले कर आएगी| मेष राशिफल 2026 / Aries Horoscope 202 और वृषभ राशिफल 2026 / Taurus Horoscope 2026 की भविष्यवाणियां जांचें।
यदि आप दिवाली 2025 के व्यक्तिगत शुभ मुहूर्त या अपनी जन्म कुंडली के आधार पर विशेष मार्गदर्शन चाहते हैं, तो ऑनलाइन ज्योतिष परामर्श के माध्यम से विशेषज्ञ से सलाह लेना सर्वोत्तम रहेगा।" मिथुन राशिफल 2026 / Gemini Horoscope 2026 और कर्क राशिफल 2026 / Cancer Horoscope 2026 से आगे का साल जानें
दिवाली की पूजा शुरू करने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपके पास निम्नलिखित सभी पूजन सामग्री उपलब्ध है:
देव प्रतिमाएँ: श्री गणेश और माता लक्ष्मी की नई प्रतिमा या चित्र, कुबेर जी की मूर्ति/चित्र।
वस्त्र और आभूषण: गणेश और लक्ष्मी जी के लिए नए वस्त्र, आभूषण, और माला।
अक्षत और रोली: चावल (अक्षत), कुमकुम, हल्दी, और चंदन।
पुष्प: लाल गुलाब या कमल के फूल (कमल गट्टे की माला के साथ)।
पवित्र जल: गंगाजल और शुद्ध जल (कलश स्थापना के लिए)।
प्रसाद सामग्री: खील, बताशे, मिठाई (विशेषकर मोतीचूर के लड्डू), फल (केला और सिंघाड़ा)।
अन्य सामग्री: घी का दीपक, धूप, अगरबत्ती, कपूर, लौंग, इलायची, और दक्षिणा (कुछ सिक्के/नोट)
व्यावसायिक वस्तुएँ: नया बही-खाता (या लैपटॉप/टैबलेट), कलम, और तराजू।
दिवाली 2025 पूजा विधि आसान और सरल है सर्व प्रथम पूजा के स्थान को शुद्ध करें। पूर्व और उत्तर की तरफ अपना मुख करके ही पूजा करें यदि आपने विशेष कर ब्राह्मणों को पूजा के लिए बुलाया है| तो उनको दक्षिण दिशा में ही विराजमान करें, इसके बाद एक स्वच्छ लाल आसन बिछाएं जिस पर, नई थाली रखें | यदि आपने धनतेरस के दिन नई थाली खरीदी है| तो वहा सर्वोत्तम होगा| इसके ऊपर लाल वस्त्र बिछाएं, वस्त्र के ऊपर,लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। सबसे पहले जल, फिर वस्त्र, मूर्ति को तिलक करें। धूप दीप दिखाएं, वस्त्र पहनाएं, आरती उतारें विभिन्न प्रकार के पकवान। घर में बने, उनका भोग लगाएं| इस प्रकार पूजा के बाद ;ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्; मंत्र का जाप करें। जप कमल गट्टे की माला पर 108 बार जाप करें। दिवाली 2025 की इस पूजन की विधि से श्री लक्ष्मी और गणेश जी की महान कृपा सदैव बनी रहती है| विशेष रूप से, पूजा के दौरान 'ॐ महालक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करने से घर में स्थाई धन और वैभव की प्राप्ति होती है।यह मंत्र जप शुक्र और चंद्रमा को बल देता है, जो धन और मन की शांति के कारक ग्रह हैं। हमेशा यह ध्यान रखें कि महालक्ष्मी की पूजा साफ़ मन और शांत वातावरण में ही की जाए।" सिंह राशिफल 2026 / Leo Horoscope 2026 और कन्या राशिफल 2026 /Virgo Horoscope 2026के लिए विशेष सलाह। दिवाली पूजन में स्वच्छता और शुद्धता के साथ-साथ शुभ धातु और ratn (रत्न) का प्रयोग भी अत्यंत मंगलकारी माना जाता है
दिवाली पर्व महत्व 2025 में भी वैसा ही प्रतीत होता है| जैसे प्राचीन काल में होता था| आध्यात्मिक विधि से यह अंधेरे से प्रकाश की तरफ, या आज्ञान से ज्ञान की तरफ, और बुरे कार्यों से अच्छे कार्यों पर विजय का प्रतीक है| परंतु सांस्कृतिक दृष्टि से यह परिवारजनों का मित्रों का और व्यापारिक वर्ष की शुरुआत और सामाजिक प्रेम सौहार्द का पर्व विशेष के रूप में है। तो दिवाली 2025 में इन सभी पहलुओं को अपने अंदर समेटे हुए प्रतीत होता है| तुला राशिफल 2026 / Libra Horoscope 2026 और वृश्चिक राशिफल 2026 / Scorpio Horoscope 2026 भविष्यवाणियां देखें दिवाली न केवल परिवारजनों को जोड़ने का पर्व है, बल्कि वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए कुंडली मिलान जैसे पारंपरिक ज्योतिषीय उपाय भी इस समय विशेष महत्व रखते हैं। धनु राशिफल 2026 / Sagittarius Horoscope 2026 और मकर राशिफल 2026 / Capricorn Horoscope 2026 का मार्गदर्शन।
1Q:दिवाली पर लक्ष्मी पूजा 2025 का सबसे शुभ और सटीक समय (मुहूर्त) क्या है?
Ans. ज्योतिष के अनुसार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार को मन गया है क्योंकि यह प्रदोष काल में रहेगा, सबसे अच्छा समय शाम 06:02 बजे से 07:58 बजे का है
2Q: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा में किन 5 मुख्य वस्तुओं का उपयोग अनिवार्य है?
Ans.लक्ष्मी पूजा में पंच-देवों (गणेश, लक्ष्मी, कुबेर, सरस्वती, काली) का आह्वान होता है। और ये पांच वास्तुएं अनिवार्य हैं 1. खील-बताशे (प्रसाद) 2. घी का दीपक (अंधकार को दूर करने हेतु), 3. कमल गट्टा (लक्ष्मी का बीज), 4. हल्दी एवं कुमकुम (तिलक हेतु) 5.नया बही-खाता (व्यापारिक समृद्धि हेतु)
3Q: दिवाली की रात किस विशेष लक्ष्मी मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए?
Ans. दिवाली की रात को कमल गट्टे की माला से 'ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्' (गायत्री मंत्र) का जाप करना सबसे प्रभावी माना जाता है। यह मंत्र धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति में सहायक है।
4Q: दिवाली पर बही-खातों और उपकरणों (यंत्रों) की पूजा क्यों की जाती है?
Ans. व्यापारी समुदाय को वित्तीय नव वर्ष के रूप में मनाता है। इस दिन पुराने बही-खातों को बंद करके, अपने नए बही-खातों को पूजने से धन की देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर का आशीर्वाद मिलता है, जिससे पूरे साल व्यापार में लाभ और समृद्धि मिलती है।
5Q: क्या दिवाली 2025 पर अमावस्या तिथि दो दिनों तक रहेगी?
Ans. हाँ, हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:45 बजे अमावस्या तिथि शुरू होगी और 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05:55 बजे समाप्त होगी। इसलिए, लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को ही किया जाएगा, क्योंकि यह प्रदोष काल में व्याप्त है।
6Q: दिवाली पूजन में भगवान गणेश को लक्ष्मी जी के बाएँ या दाएँ किस ओर स्थापित करें?
Ans. पूजा विधि के अनुसार, धन की देवी लक्ष्मी को हमेशा दाएँ हाथ की ओर (अपनी बाएँ) और बुद्धि के देवता गणेश को बाएँ हाथ की ओर (अपनी दाएँ) स्थापित किया जाना चाहिए।
7Q: ज्योतिषी के अनुसार दिवाली पर किस रंग के वस्त्र पहनना सबसे शुभ माना जाता है?
Ans. ज्योतिषी सलाह देते हैं कि दिवाली की रात पूजा के समय पीले, गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ होता है। ये रंग देवी लक्ष्मी को प्रिय हैं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
8Q: दिवाली पर लक्ष्मी जी का आह्वान करते समय घर में किस दिशा में मुख करके पूजा करें?
Ans. समृद्धि के लिए, लक्ष्मी पूजन के दौरान ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा धन के देवता कुबेर से भी जुड़ी हुई है, जिससे धन-धान्य में वृद्धि होती है।
9Q: 2025 में राम दिवाली कब है?
Ans. श्री राम दिवाली, भगवान श्री राम के, लंका के राजा रावण, पर विजय प्राप्त कर,अयोध्या लौटने की स्मृति में मनाई जाती है| यह दीवाली त्योहार, के 13 दिनों के बाद, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन आती है| सन 2025 में राम दिवाली 1 नवंबर 2025 शनिवार को मनाई जाएगी | कुंभ राशिफल 2026 / Aquarius Horoscope 2026 और मीन राशिफल 2026 / Pisces Horoscope 2026 का आध्यात्मिक सफ़र इस दिन अयोध्या में भव्य उत्सव और दीपदान का हृदय को आह्लादित करने वाला आयोजन होता है| सभी लोग बहुत बढ़-चढ़कर के भाग लेते हैं|
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