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Chhath Puja

भारत को त्योहारों का देश यूं ही नहीं कहा जाता है। आइए आपको बताते हैं chhath puja का महत्व, पूजा विधि, समय और इस पर्व की पौराणिक कथा।” यहां होली, रक्षाबंधन, दशहरा, दिवाली, भाईदूज, गुरु पर्व और ईद का अपना अलग ही महत्व है। इन त्योहारों की धूम न केवल देश में बल्कि विदेश में भी देखने को मिलती है। विदेश में भारतीय प्रवासी इन त्योहारों का जमकर लुत्फ उठाते हैं। विदेश में भारतीय प्रवासी भी इस पर्व का उत्साहपूर्वक हिस्सा बनते हैं और chhath puja celebration बड़े ही धूमधाम से करते हैं। यह पर्व बिहारवासियों के लिए खास महत्व रखता है। लेकिन बिहार के साथ यूपी, पूर्वांचल, झारखण्ड और नेपाल के कई हिस्सों में मनाया जाने वाला यह लोकपर्व आज महापर्व का रूप ले चुका है। यह chhath parv बिहार, यूपी, झारखंड और नेपाल में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। चार दिन तक चलने वाले इस त्यौहार में महिलाएं 36 घंटे का उपवास रखती हैं और अपने पति और पुत्र के लिए दीर्घायु की कामना करती हैं। आइए आपको बताते हैं छठ पर्व का महत्व, पूजा विधि, समय और इस पर्व की पौराणिक कथा।

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कब मनाया जाता है छठ पूजा (Chhath Puja)  का पर्व

छठ पर्व की महिमा अपार है, शास्त्रों के अनुसार छठ chhath puja पूजा कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक होती है। इस बार यह नहाय खाय के साथ 8 नवंबर को शुरू होगा और सूर्योदय अर्घ्य के साथ खत्म होगा। इसे सूर्योपासना का पर्व भी कहा जाता है। सुख-स्मृद्धि तथा मनोकामना पूर्ति के इस त्यौहार को सभी स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं।

छठ पूजा सूर्य और प्रकृति के प्रति आभार का पर्व है। इस शुभ दिन पर दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य हेतु  मेष राशिफल 2026 और Aries Horoscope 2026 से जुड़ी जानकारी कुंडली मिलान अवश्य करें।   वृषभ राशिफल 2026 और Taurus Horoscope 2026 के लिए भी शुभ दिन हैं।

छठ पूजा की तिथि और पूजा मुहूर्त

chhath puja का शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर 2025 को पड़ रहा है।

छठ पूजा का दिन

छठ पूजा तिथि

छठ पूजा अनुष्ठान

शनिवार

25 अक्टूबर 2025

नहाय खाय

रविवार

26 अक्टूबर 2025

खरना

सोमवार

27 अक्टूबर 2025

संध्या अर्घ

मंगलवार

28 अक्टूबर 2025

सूर्योदय/उषा अर्घ

बहुत से लोग पूछते हैं – छठ पूजा कब है 2025, तो इस बार यह 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। छठ पूजा 2025 का आरंभ 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय’ से होगा और 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होगा। धार्मिक मान्यता है कि छठ पूजा का शुभ मुहूर्त में अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

छठ पर्व की पौराणिक कथा (Story of Chhath Puja)

प्राचीन काल से ही छठ पूजा chhath puja  का विशेष महत्व रहा है।  आइए जानते हैं छठ पूजा की कहानी, जिसमें कुंती और द्रौपदी द्वारा किए गए व्रत का वर्णन है इसका आरंभ महाभारत काल में कुंती ने किया था। सूर्य की आराधना से ही कुंती को पुत्र कर्ण की प्राप्ति हुई थी। इसके बाद कुंती पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की, वह भगवान सूर्य का परम भक्त था, प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देता था। सूर्य की कृपा पाकर ही वह आगे चलकर महान योद्धा बना। इसलिए आज भी छठ पूजा में अर्घ्य दान की पद्धति प्रचलित है।  कन्या राशिफल 2026 और Virgo Horoscope 2026 के लिए लाभ होगा

वहीं दूसरी ओर पांडवों की पत्नी द्रौपदी को भी नित्य सूर्य की पूजा करने के लिए जाना जाता है। वे अपने परिजनों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना और लंबी उम्र के लिए नियमित सूर्य देव की पूजा किया करती थी। जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए थे, तब द्रौपदी ने छठ का व्रत रखा था। इस छठ के व्रत से द्रौपदी की सभी मनोकामनाएं पूरी हुईं साथ ही पांडवों को राजपाट भी वापस मिल गया।  तुला राशिफल 2026 और Libra Horoscope 2026 के लिए पारिवारिक सुख रहेगा

छठ पूजा के दौरान सूर्य देव और छठ माताजी की भक्ति के साथ ग्रहों की शक्ति संतुलित करने के लिए अपनाएँ प्रमाणित रत्न (Gemstone) और जीवन में खुशियाँ पाएं।  वृश्चिक राशिफल 2026 और  Scorpio Horoscope 2026  का भविष्यफल देखे

दरअसल, कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी को मनाया जाने वाले छठ पर्व पारिवारिक सुख-स्मृद्धि तथा मनोवांछित फलप्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है। छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना कि जाती है तथा गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या पोखर के किनारे पानी में खड़े होकर यह पूजा संपन्न की जाती है। धनु राशिफल 2026 और Sagittarius Horoscope 2026 के लिए अवसर है। 

छठ पूजा का आरंभ कार्तिक माह की शुक्ल चतुर्थी व समापन सप्तमी को होता है। पहले दिन ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है। दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना किया जाता है, पंचमी को दिनभर खरना का व्रत रखने वाले व्रती शाम के समय गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का सेवन प्रसाद रूप में करते हैं। लेकिन व्रत रखने वाला व्रत समाप्त होने के बाद ही अन्न और जल ग्रहण करते हैं।  मकर राशिफल 2026 और Capricorn Horoscope 2026 से जुड़ी जानकारी प्राप्त करे

छठ व्रत की पूजा विधि 

छठ पर्व से दो दिन पहले चतुर्थी के दिन स्नानादि करके भोजन किया जाता है। पंचमी को उपवास करके संध्याकाल में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्ध्य दिया जाता है। तत्पश्चात पारण किया जाता है। पूरा दिन बिना जल पिये नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है।कुंभ राशिफल 2026 और Aquarius Horoscope 2026 के लिए सलाह है।

अर्ध्य देने विधि 

एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढक दें। तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर निम्न मंत्रों का जाप करें।

ऊं अद्य अमुकगोत्रोअमुकनामाहं मम सर्व

पापनक्षयपूर्वकशरीरारोग्यार्थ श्री

सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।

ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।

अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥

इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्यदेव को अर्ध्य दें।  मीन राशिफल 2026  और  Pisces Horoscope 2026 का आध्यात्मिक पहलू।

छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता और लोकपक्ष है। भक्ति और आध्यात्म से परिपूर्ण इस पर्व के लिए न तो विशाल पंडालों की, न भव्य मंदिरों की और ना ही ऐश्वर्य युक्त मूर्तियों की जरूरत होती है। यह लेख chhath puja in hindi में आपको इसके महत्व, तिथि और कथा की पूरी जानकारी देता है।

 

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