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दिवाली हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है और यह त्यौहार भारतवर्ष में हर जगह मनाया जाता है। हिंदुओं के त्योहारों की बात करें तो दिवाली ऐसा त्यौहार है जब व्यक्ति बुराइयों का नाश कर सत्य का साथ देता हुआ नजर आता है। भगवान श्री राम जब अयोध्या वापस लौट कर आये थे तो उस खुशी में भारतवर्ष में चारों तरफ दीप जलाए गए थे और तभी से दिवाली निरंतर भारत में हिंदू का एक प्रमुख त्यौहार बना हुआ है। साल 2025 में दिवाली कब है? यह 21 अक्टूबर, मंगलवार दिन के दिन मनाई जायेगी।
दिवाली के दिन हिंदुओं के घरों में महालक्ष्मी की पूजा का विशेष प्रबंध किया जाता है। ऐसा बताया जाता है कि दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से सालभर घर में लक्ष्मी मां का वास रहता है और लक्ष्मी जी की कृपा से परिवार खुश रहता है। इस दिन घरों में दीपदान किया जाता है। व्यापारी लोग दिवाली को नव वर्ष के रूप में मनाते हैं। समाज में लोग एक दूसरे से मिलते हुए भी नजर आते हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि इस दिन दिवाली लक्ष्मी पूजा समय 2025 का पालन करने से घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।दिवाली लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है, और इस दिन लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 2025 के अनुसार पूजा करना शुभ माना जाता है
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दीपावली, लाइट एंड प्रॉस्परिटी का फेस्टिवल, हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर मनाया जाने वाला एक त्योहार है, जहां मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, और कुबेर की पूजा की जाती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दिवाली कब है और दिवाली 2025 पूजा विधि और मुहूर्त क्या है और किस समय लक्ष्मी पूजन का शुभ काल 2025 रहेगा।
दीपावली 2025 मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को होगी। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा से धन, समृद्धि, और सुख प्राप्त होते हैं। अमावस्या तिथि के समय प्रदोष काल और स्थिर लग्न (वृषभ लग्न) में पूजा करना सबसे शुभ होता है, यह हिंदू पंचांग के अनुसार होता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिवाली का समय जन्म कुंडली के ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
कई लोग Google पर खोजते हैं कि दिवाली कब है और किस दिन लक्ष्मी पूजन करना उचित है, इसका उत्तर यहां स्पष्ट है।
प्रारंभ: 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 03:44 बजे (IST)
समाप्त: 21 अक्टूबर 2025, शाम 05:54 बजे (IST)
क्योंकि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि प्रभावी रहेगी, इसलिए 21 अक्टूबर 2025 को दीपावली पूजा के लिए शुभ माना गया है।
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त दीपावली का सबसे अधिक प्रभावशाली समय प्रदोष काल और वृषभ लग्न में लक्ष्मी पूजा करना अधिक अच्छा होता है। नीचे दिए गए हैं दीपावली 2025 के लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (नई दिल्ली, IST के लिए):
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 5:52 बजे से रात 8:24 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 5:52 बजे से रात 8:24 बजे तक
वृषभ लग्न: शाम 6:56 बजे से रात 8:53 बजे तक
नोट: वृषभ लग्न स्थिर होता है, जो मां लक्ष्मी को घर में स्थायी रूप से निवास करने के लिए शुभ माना जाता है। इसी समय लक्ष्मी पूजन मुहूर्त दीपावली 2025 का पालन करना चाहिए। इसलिए इस समय पूजा करना सर्वोत्तम है। दिवाली जैसे पावन अवसर पर परिवार में नए रिश्तों की शुरुआत के लिए कुंडली मिलान करना बेहद शुभ फलदायी होता है।
लक्ष्मी पूजा को शास्त्रीय और सरल तरीके से करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:
प्रत्येक दिन की पूजा विधि अलग होती है, लेकिन मुख्य दिन दिवाली लक्ष्मी पूजा और लक्ष्मी पूजन मंत्र का विशेष महत्व होता है।”
मां लक्ष्मी, गणेश, और कुबेर की मूर्तियां या चित्र
लाल कपड़ा, चौकी
गंगाजल, रोली, अक्षत, फूल, माला
धूप, दीप, अगरबत्ती
मिठाई, फल, पंचामृत
सिक्के, खील-बताशे, और पूजा की थाली
सही दिवाली पूजा सामग्री और सिद्धि से ही पूजा पूर्ण मानी जाती है।
शास्त्रों के अनुसार दिवाली 2025 पूजा विधि और मुहूर्त का पालन करना आवश्यक है
घर की साफ-सफाई: घर को अच्छी तरह साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
पूजा स्थल की तैयारी: चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और मूर्तियां स्थापित करें।
कलश स्थापना: एक कलश में 75% पानी, सुपारी, सिक्का, और आम के पत्ते रखें।
पूजा: मां लक्ष्मी और गणेश को रोली, अक्षत, फूल, और मिठाई अर्पित करें।
मंत्र जाप: "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" का 108 बार जाप करें।
आरती: लक्ष्मी और गणेश की आरती करना, दीप जलाना, और प्रसाद वितरण करना।
दीप प्रज्वलन: घर के हर कोने में दीये जलाएं।
शुभ सुझाव
यदि आप सोच रहे हैं कि लक्ष्मी पूजन दीपावली मुहूर्त में कैसे पूजा करें, तो इन सुझावों का पालन अवश्य करें।
रंगोली: मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं, जो समृद्धि का प्रतीक है।
पर्यावरणीय जागरूकता: जैव-निम्नीकरणीय दीये और पर्यावरण-अनुकूल सजावट का उपयोग करें।
वृषभ लग्न में पूजा: यह प्रकाश और शुभ समय है, जो धन की दृढ़ता को सुनिश्चित करता है।
निशिता काल (रात 11:41 से 12:31): यह समय तांत्रिक पूजा के लिए उपयुक्त है, अनिवार्य नहीं है सामान्य भक्तों के लिए।
दीपावली 2025 के लिए ज्योतिषीय सलाह
धन लाभ के लिए: पूजा के समय सिक्के और कमल फूलों का समर्थन करके पदार्थों का महत्व बढ़ाया जा सकता है, जो माँ लक्ष्मी को प्रिय हैं।
वास्तु टिप्स: पूजा स्थल ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
मंत्र शक्ति: परिवार की सुख-शांति के लिए परिवार के सभी सदस्यों द्वारा "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें।
लक्ष्मी पूजा के समय रखे इन बातो का ध्यान
माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए आपको इस दिन शाम के समय माता लक्ष्मी की विशेष आरती और उनके मंत्रों के उच्चारण से माता लक्ष्मी और उनके परिवार की पूजा अर्चना करनी चाहिए। साथी ही साथ आपको बता दें कि कुछ लोग माता लक्ष्मी के इस दिन उपवास करते हुए भी नजर आते हैं। उपवास करने से माता लक्ष्मी विशेष रूप से प्रसन्न होती हुई दिखती है। शाम के समय घर के अंदर विशेष शक्तियां वास करने लग जाती है इसलिए दिवाली 2025 के दिन आप शाम के समय माता लक्ष्मी की पूजा करना बिलकुल ना भूले और इस दिन अगर आप माता लक्ष्मी का उपवास कर सकें तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा।
इस प्रकार दिवाली कब है और उस दिन का लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 2025 जानकर ही पूजा करें, तभी फलदायी होगी।
माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के साथ-साथ ग्रहों की शांति और शुभ फल हेतु सही रत्न धारण करना भी लाभकारी होता है।”
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