>

Ahoi Ashtami in Hindi

Table of Contents
1 कब और क्यों मनाई जाती है अहोई अष्टमी?
2 अहोई अष्टमी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
3 अहोई अष्टमी पूजा विधि
4 अहोई अष्टमी कथा: अहोई माता और सेई की कहानी
5 अहोई अष्टमी व्रत के नियम और महत्व
6 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (अहोई अष्टमी)
7 निष्कर्ष

अहोई अष्टमी के पावन अवसर पर संतान सुख, कुंडली या वैवाहिक जीवन से जुड़े प्रश्नों का समाधान पाने के लिए ज्योतिष परामर्श लें और अनुभवी ज्योतिषियों से सही मार्गदर्शन प्राप्त करें 

कब और क्यों मनाई जाती है अहोई अष्टमी?

अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami in Hindi) हिंदू धर्म का एक प्रमुख व्रत है, यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। अहोई माता की पूजा की जाती है, जिन्हें संतान की रक्षक देवी माना जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष कीअष्टमी को संतान प्राप्ति में निर्विघ्नता के लिए अहोई माता का व्रत प्रसिद्ध है, जिस वार को बड़ी दिवाली होती है, उसी वार को अहोई व्रत भी करते हैं। अगर आप Ahoi Ashtami 2025 in Hindi time जानना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी।

अहोई व्रत को प्रकृति से संबंधित कहा जाता है, और विशेष तौर पर इस व्रत का मुख्य संदेश यह होता है, कि जो पशु-पक्षी हैं उनके साथ प्रेम करना चाहिए, यदि हम पशु पक्षियों के बच्चों के साथ प्रेम करेंगे उनको नहीं मारेंगे तो उन पर दया करेंगे तो उनके आशीर्वाद सेअच्छी संतान होगी । और संतान प्राप्त करने में कोई बाधा नहीं होगी,  राशिफल 2026 या Horoscope 2026 से आगे का साल जानें इसलिए माताएं भारत में अहोई व्रत करती हैं। अगर आप Ahoi Ashtami 2025 in Hindi date जानना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेहद उपयोगी जानकारी है।

विशेष करके अहोई माता को संतान की रक्षक देवी कहा जाता है, जो संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए माताओं द्वारा रखा जाता है। और ऐसा भी कहा जाता है कि जो अहोई माता का तिरस्कार करता है उनका व्रत नहीं करता है उनको संतान प्राप्त में कई प्रकार की बाधाएं जीवन में आती हैं |

अहोई अष्टमी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त(Ahoi ashtami 2025 in hindi date and time)

•तिथि: 13 अक्टूबर 2025, सोमवार
•अष्टमी तिथि प्रारंभ: 13 अक्टूबर, सुबह 12:32 बजे

•अष्टमी तिथि समाप्त: 14 अक्टूबर, सुबह 11:14 बजे
•पूजा का शुभ समय: शाम 4:00 बजे से 8:00 बजे तक

अहोई अष्टमी पूजा विधि:

1.सुबह स्नान: 13 अक्टूबर को प्रातः काल में शुरुआत में स्नान करें।
2.व्रत संकल्प: मैं अपनी संतान की कुशलता के लिए और अच्छी संतान की प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती हूं इस प्रकार से शुभ संकल्प करें। मेष राशिफल 2026 और Aries Horoscope 2026 की भविष्यवाणियां भी देखें

3.अहोई माता का चित्र: अपने घर के उत्तर, पूर्व, के कोने में घर के दीवार पर, अहोई माता का चित्र लगाए, या फिर गेरू से अहोई माता का चित्र बना भी सकते हैं ।
4.पूजा सामग्री: कुमकुम, चावल, फूल, दीपक, मिठाई।
5. कथा सुनना: घर की बुजुर्ग स्त्री के मुख से, या फिर ब्राह्मणों के मुख से, अहोई माता की कथा सुनें।
6. शाम की पूजा: शाम को तारे निकलने के बाद पूजा करके व्रत खोलें।

अहोई अष्टमी के पावन अवसर पर संतान सुख और वैवाहिक जीवन की शांति चाहने वालों के लिए—यदि आप अपनी कुंडली मिलान के माध्यम से भविष्य की स्पष्टता चाहते हैं, तो कुंडली मिलान की मदद से अनुभवी ज्योतिषियों से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

अहोई अष्टमी कथा: अहोई माता और सेई की कहानी

एक समय की बात है, एक नगर में बड़ा साहूकार था, उसके सात पुत्र और सात पुत्रबधुऐं थी, और एक सुंदर पुत्री थी कार्तिक के महीने में दिवाली से पहले अष्टमी को अपने मकान की पुताई करने के लिए सात पुत्रबधुऐं अपनी इकलौती ननद के साथ जंगल में जाकर के स्वच्छ मिट्टी को खोज रही थी

उसी समय उनको वहां पर एक शाहीपशु का बिल दिखाई दिया उनकी छोटी ननद ने भूल वश शाही के बच्चे को मार दिया और शाही का बच्चा वहीं पर मृत्यु को प्राप्त हो गया जिससे शाही माता बहुत नाराज हुई और उसने कहा कि मैं तुझे श्राप देती हूं कि तुझे संतान प्राप्त नहीं होगी |

तो छोटी ननद बहुत रोने और विलाप करने लगी, उसके स्थान पर उसकी सबसे छोटी भाभी ने कहा कि इसका श्राप मुझे दे दो | क्योंकि यह छोटी बच्ची है तो शाही ने कहा कि तुम्हें ही इसका श्राप मिल जाएगा | कुछ समय के बाद छोटी पुत्रवधू को तीन बार मृतक संतान पैदा हुई, तो वह रोने लग गई और ब्राह्मण के पास गए, ब्राह्मण देवता ने कहा तुमने श्राप अपने ऊपर लिया है|

अब तुम्हें श्राप को दूर करना होगा, इसलिए तुम गौ माता की सेवा करो जब तुम गौ माता की सेवा करोगी तो गाय माता तुम्हें रास्ता बता देगी गाय माता की सेवा करने के बाद उस छोटी पुत्रवधू ने गाय माता से कहा है मां मुझे शाही के श्राप से मुक्त कर दो |  वृषभ राशिफल 2026 और Taurus Horoscope 2026. का विवरण देखें।

और मेरी गोद भर दो, तब गाय माता ने का तथास्तु कहा, लेकिन यह भी कहा कि पहले हमें शाही के पास जाना पड़ेगा | जब शाही के पास गए तो शाही ने उसे अहोई अष्ट्मी (Ahoi ashtami in hindi) का व्रत करने को कहा जिसके करने से छोटी बहु का श्राप दूर हुआ और आशीर्वाद दिया, तुम्हें सन्तन की प्राप्ति होगी | मिथुन राशिफल 2026 और Gemini Horoscope 2026 इस वर्ष कैसा रहेगा?

उस दिन के बाद से अहोई अष्टमी का व्रत प्रसिद्ध हुआ | संतान प्राप्ति में जो भी बाधाऐ होती हैं, उनको दूर करने के लिए अहोई अष्ट्मी के व्रत को किया जाता है|  अपने और अपने परिवार के लिए  कर्क राशिफल 2026 और  Cancer Horoscope 2026 भविष्यवाणियां देखें।

अहोई अष्टमी व्रत के नियम और महत्व

• व्रत: बिना अन्न-जल के (निर्जला) या फलाहार।
• परहेज: प्याज, लहसुन, मांस-मछली न खाएं।
• महत्व: संतान की उम्र, स्वास्थ्य और सुख में वृद्धि। सिंह राशिफल 2026 और Leo Horoscope 2026 स्वास्थ्य (स्वास्थ्य) के बारे में जानें।
• विशेष: गर्भवती महिलाएं भी यह व्रत रख सकती हैं।

जीवन की समस्याओं का समाधान और ग्रहों की शांति के लिए रत्न अब AstroSwamiG स्टोर पर उपलब्ध हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (अहोई अष्टमी)

Q1. क्या पुरुष यह व्रत रख सकते हैं?

A. जी हाँ, पिता भी संतान की भलाई के लिए व्रत रख सकते हैं। कन्या राशिफल 2026के लिए विशेष सलाह (Virgo Horoscope 2026)

Q2. व्रत में क्या खाएं?

A. फल, दूध, मिठाई, साबुदाना खिचड़ी खा सकते हैं।  तुला राशिफल 2026 और Libra Horoscope 2026 आने वाला समय

Q3. अहोई माता का मंत्र क्या है?

A. ॐ अहोई मातायै नमः या श्री अहोई देव्यै नमः  वृश्चिक राशिफल 2026 और  Scorpio Horoscope 2026  भविष्यवाणियाँ।

Q4. व्रत में चाय पी सकते हैं?

A. निर्जला व्रत में नहीं, परंतु फलाहार व्रत में चीनी के बिना चाय ले सकते हैं। धनु राशिफल 2026 और Sagittarius Horoscope 2026 सफलता।

मकर राशिफल 2026 और Capricorn Horoscope 2026 आने वाले वर्ष के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय मार्गदर्शन लेकर आ रहे हैं।
कुंभ राशिफल 2026 और Aquarius Horoscope 2026 करियर और व्यक्तिगत विकास में नए अवसरों और नई शुरुआत का संकेत देते हैं।
मीन राशिफल 2026  और  Pisces Horoscope 2026 आंतरिक आध्यात्मिक यात्रा और भावनात्मक परिवर्तन पर केंद्रित हैं।

निष्कर्ष

अहोई अष्टमी मातृशक्ति और संतान के प्रति प्रेम का प्रतीक है। यह व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि पारिवारिक एकता को भी मजबूत करता है। अहोई माता आपकी संतान को स्वस्थ और सुखी रखें !

करवा चौथ व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की जानकारी यहाँ उपलब्ध है। - Karwa Chauth 2025 | करवा चौथ 2025

जानिए अहोई अष्टमी के महत्व और व्रत विधि की पूरी जानकारी यहाँ - Ahoi Ashtami 2025 

Govardhan Puja से जुड़े अन्य विशेष लेख यहाँ पढ़ सकते हैं। - significance of govardhan puja  | Govardhan Puja 2025 | गोवर्धन पूजा 2025

यहाँ पाएँ धनतेरस उत्सव की पूरी कहानी और पूजा रीति की जानकारी - Dhanteras 2025 | Dhanteras in Hindi

दीपावली के महत्व और पूजा विधि की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें। - दिवाली 2025 Diwali 2025 | When is Diwali कब है दिवाली

जानें भाई दूज की पूजा विधि और पावन परंपराओं के महत्व के बारे में। -Bhai Dooj 2025 | Bhaidooj in hindi

यहाँ पाएँ छठ पूजा की पूरी कहानी और उत्सव से जुड़ी जानकारी-  Chhath Puja 2025 Chhath Puja|

विवाह पंचमी पर भगवान राम और माता सीता के पावन विवाह से जुड़ी जानकारी यहाँ जानें -  Ram Vivah Panchami | Vivah Panchami 2025

 

 


Recently Added Articles
Angarak Dosh in Hindi - Angarak Dosh ke Upay
Angarak Dosh in Hindi - Angarak Dosh ke Upay

Angarak Dosh से मुक्ति पाने के लिए शक्तिशाली ज्योतिषीय उपाय, प्रभाव, लक्षण और Angarak Dosh ke upay जानें।...

Ahoi Ashtami in Hindi
Ahoi Ashtami in Hindi

Ahoi Ashtami in Hindi - अहोई अष्टमी 2025 सोमवार, 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पूजा मुहूर्त: शाम 4:00 बजे से 8:00 बजे तक। अहोई माता व्रत की विधि, कथा और म...

Ram Vivah Panchami - विवाह पंचमी
Ram Vivah Panchami - विवाह पंचमी

Ram Vivah Panchami - जानिए Vivah Panchami kab hai और इस पावन त्योहार का महत्व, जिसमें भगवान राम और माता सीता के दिव्य विवाह का उत्सव मनाया जाता है। सभ...