>

केमद्रुम योग

क्या हैं केमद्रुम योग?

चंद्रमा, सूर्य और बाकी ग्रह जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। इन सब में सबसे खास चंद्रमा ग्रह होता है। जो पृथ्वी पर सबसे ज्यादा असर डालने वाला ग्रह है। चंद्रमा ग्रह सीधा असर हमारे मन और संस्कारों पर पड़ता है, इसलिए इससे जो योग बनते हैं, वह बड़े ही महत्वपूर्ण होता है। चंद्रमा से तीन प्रकार के शुभ योग बनते हैं जिनके नाम है अनुफा, सुनफा और दुरधरा। इन तीनों युगों से जीवन में खुशहाली आती है लेकिन चन्द्रमा से बनने वाला एक योग ऐसा भी है जो जीवन को निष्फल भी बना देता है। आज हम आपको उसी योग के बारे में बताएंगे। उस योग का नाम केंमद्रुम योग सारे शुभ कार्यों को अशुभ में बदल देता है। इस योग के प्रभाव से मानसिक पीड़ा और दरिद्रता देता है।

कैसे बनता हैं जन्म कुंडली में केमद्रुम योग

बता दें कि केमद्रुम योग जब बनता है जब चंद्रमा की दोनों तरफ कोई ग्रह ना हो। उस पर किसी ग्रह की दृष्टि ना हो। ऐसी स्थिति में केंमद्रुम योग बन जाता है। इससे प्रभाव इतना भयानक होता है कि व्यक्ति को मानसिक और आर्थिक दोनों पीड़ाओं का सामना करना पड़ता है।

केमद्रुम योग से पड़ने वाले प्रभाव

1. जीवन में होने वाली कमाई में उतार चढ़ाव होने लगते हैं। इतना ही नहीं जातक को माता का सुख भी प्राप्त नहीं होता।

2. केमद्रुम योग का प्रभाव कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न में सबसे ज्यादा खराब होती है।

3. इसी के साथ हम आपको बता दें कि केमद्रुम योग भाव भंग हो जाता है, तब चंद्रमा से अष्टम शुभ ग्रह हो या फिर जब कुंडली में शुभ ग्रह मौजूद हो।

4. जब चंद्रमा बृहस्पति केंद्र में उपस्थित होता है तो यह योग भंग हो जाता है।

5. इस योग के प्रभाव से व्यक्ति अकेला और अपने जीवन से असंतुष्ट होने लगता है।

6. इस योग के भाव के होत ही जातक दूसरे के भरोसे हो जाता है मानो कि उसका अपना कोई वजूद ही ना हो।

7. परिवार में समस्या होने लगती है और आर्थिक स्थिति भी बिगड़ने लगती है।

जानिए केमद्रुम योग से बचने का अचूक उपाय भारत के जाने माने ज्योतिषियों द्वारा। अभी बात करने के लिए क्लिक करे

इससे बचने की कुछ उपाय हैं जिन्हें करने से केमद्रुम योग छुटकारा पाया जा सकता है।

केमद्रुम योग से बचने के उपाय

1. माता-पिता को सबसे ऊपर मानकर कभी इनका अनादर भूल कर भी ना करें। सुबह-शाम माता-पिता के चरण स्पर्श करें।

2. सोमवार के दिन चावल और चीनी का दान करें।

3. चन्द्रमा ग्रह को सफेद रंग प्रिय है इसलिए चांदी को महत्व दें। हाथ में अंगूठी पहनें और गले में भी चांदी की चेन पहन कर रहें।

4. कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा सफेद वस्त्र पहने और गरीबों को सफेद वस्त्रों का दान करें।

5. मंदिर में जाए और भगवान शिव के सामने हर रोज सुबह और शाम ओम श्रां श्री श्रों स: चंद्रमेष् नमः का जाप करें।

6. भगवान शिव के शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और भगवान की प्रतिदिन नियमपूर्वक शिव के मंत्रों का जाप करें।

7. जब भी किसी नदी के पास या बहते हुए पानी के पास जाएं तो पानी में जौं प्रवाह करें इससे केमद्रुम योग भंग होने लगता है।

केमद्रुम योग अंग्रेजी अनुवाद पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे।


Recently Added Articles
माँ सिद्धिदात्री - नवरात्रि का नौवां  दिन
माँ सिद्धिदात्री - नवरात्रि का नौवां दिन

नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की नौवीं रूप सिद्धिदात्री की पूजा से उनके भक्तों को महान सिद्धियाँ ...

पंचक
पंचक

पंचक, ज्योतिष में एक अवधारणा है जो पांच विशेष नक्षत्रों के संरेखित होने से जुड़ी है। ...

माँ कालरात्रि - नवरात्रि का सातवां दिन
माँ कालरात्रि - नवरात्रि का सातवां दिन

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि देवी दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को शक्ति...

मां महागौरी - नवरात्रि का आठवां दिन
मां महागौरी - नवरात्रि का आठवां दिन

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप के रूप में महागौरी की पूजा करने से साधक का मन शुद्ध होता है ...