अति रुद्र पूजा भगवान शिव की महिमा और उनकी कृपा शक्ति का वर्णन करने के लिए की जाती है।
रुद्रा: पञ्चविधाः प्रोक्ता देशिकैरुत्तरोतरं। सांगस्तवाद्यो रूपकाख्य: सशीर्षो रूद्र उच्च्यते।। एकादशगुणैस्तद्वद् रुद्रौ संज्ञो द्वितीयकः। एकदशभिरेता भिस्तृतीयो लघु रुद्रकः।।
इस पूजा में इन मंत्रों का जाप आवश्य करें। इस पूजा को करने के बाद भगवान शिव आपके सभी कष्टों को नष्ट कर देते हैं। अपने आशीर्वाद से भगवान शिव अपने साधक के सभी मनोरथ पूर्ण कर देते हैं। आइये आपको बताते हैं अति रुद्र पूजा के लाभ और उसके महत्व के बारे में।
1. अति रुद्र की पूजा से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं। इसलिए इस पूजा को करने से आपके उपर भगवान का कृपा बरसती है।
2. इसे ही लघु रुद्र पूजा भी कहा जाता है। यह पंच्यामृत से की जाने वाली पूजा है। इसके प्रभावशाली मंत्रों से जीवन में आने वाले सभी संकटों एवं नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है।
3. भगवान शिव के रुद्र शब्द की महिमा का गुणगान धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। यजुर्वेद में कई बार इस शब्द का उल्लेख हुआ है। इसलिए इस पूजा को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
4. भगवान शिव समस्त जगत के दुखों का नाश करते हैं। इसलिए इस पूजा को करने के बाद आपके दुश्मन भी आपका बाल बांका नहीं कर सकते हैं।
5. अति रुद्र पूजा के समय घर में सफाई का विशेष ध्यान रखें। इससे आपके घर में शांति आएगी और भगवान शिव आप पर प्रसन्न होंगे।
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