>
प्रत्येक वर्ष श्रावण शुक्ल पंचमी को पूरे देश में नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और यह नाग पूजा सुबह में ही की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि पंचमी तिथि के स्वामी स्वयं नागदेव है। शास्त्रों के अनुसार नागों की पूजा करने से अपार धन, मनवांछित फल एवं शक्ति की प्राप्ति होती है।
श्रावण मास की पंचमी तिथि नागों को प्रसन्न करने वाली तिथि होती है। इसलिए इस दिन नागों की पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण एवं विशेष माना गया है। इस दिन नाग-नागिन के जोड़े को गाय के दूध से स्नान करवाने की मान्यता है। यह पूजा करने से मनुष्य को सांपों के भय से मुक्ति मिलती है एवं पुण्य की प्राप्ति भी होती है।
मान्यता के अनुसार नाग पंचमी के दिन पूजा करने से जीवन में आ रही संकटों का नाश होता है। इस दिन नागों की विधिपूर्वक पूजा करने से अनेकों मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यदि इस दिन किसी व्यक्ति को नाग के दर्शन हो जाए तो उस व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मान्यता यह भी है कि जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष होता है उन्हें नाग पंचमी की पूजा करने से इस दोष से छुटकारा मिल जाता है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से राहु-केतु का बुरा प्रभाव कम होता है। इस दिन विधि विधान से पूजा करने से धन-धान्य में वृद्धि भी होती है।
• नाग पंचमी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले भगवान शंकर का ध्यान करें।
• इसके पश्चात व्रत उपवास एवं पूजा का संकल्प ले।
• इसके बाद नाग-नागिन के जोड़े की प्रतिमा को गाय के दूध से स्नान करवाएं।
• दूध से स्नान करवाने के बाद जल से स्नान करवाएं।
• इसके पश्चात गंध, पुष्प, धूप एवं दीपक से पूजन करें।
• नाग-नागिन की प्रतिमा को हल्दी, रोली, चावल और फूल भी चढ़ाएं।
• इसके बाद कच्चे दूध में घी और चीनी मिलाकर अर्पित करें।
• इसके बाद मन में नागदेवता का ध्यान करते हुए उनकी आरती उतारे।
• अंत में नाग पंचमी की कथा को पढ़ें या सुने।
नाग पंचमी शुक्रवार 29 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त - प्रातः 06:01 बजे से प्रातः 08:37 बजे तक
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त अवधि - 02 घंटे 37 मिनट
पंचमी तिथि आरंभ - 28 जुलाई 2025 को 21:25 पूर्वाह्न
पंचमी तिथि समाप्त - 29 जुलाई 2025 को प्रातः 12:14 बजे
1. नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है?
यह त्योहार नाग देवताओं की पूजा के लिए समर्पित है।
पौराणिक मान्यता है कि इस दिन नागों को प्रसन्न करने से सर्प भय दूर होता है।
यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।
2. नाग पंचमी पर क्या करें?
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
नाग देवता की मिट्टी से प्रतिमा बना वा चित्र स्थापित करें।
दूध, फूल, चंदन और अक्षत से पूजा करें।
नाग गायत्री मंत्र "ॐ नागाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात्" का जाप करें।
3. नाग पंचमी पर क्या न करें?
मिट्टी खोदने या जमीन में छेद करने से बचें।
किसी भी सर्प को नुकसान न पहुँचाएं।
लोहे के बर्तन में भोजन न करें।
4. क्या नाग पंचमी पर व्रत रख सकते हैं?
हाँ! इस दिन एक समय भोजन (सात्विक) करके व्रत का पालन कर सकते हैं।
दूध, फल और सेंधा नमक का सेवन करें।
5. नाग पंचमी पर क्या दान करें?
दूध, कपड़े या अनाज दान करना शुभ होता है।
सर्प संरक्षण के लिए दान करें।
6. नाग पंचमी और नागुला चविति में क्या फर्क है?
नाग पंचमी: उत्तर भारत में मुख्य रूप से मनाई जाती है।
नागुला चविति: दक्षिण भारत में विशेष रूप से मनाई जाती है।
गणेश चतुर्थी कब है यह दिन भगवान गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व 10 दिन तक चलता है और गणेश चतुर्थी के 10 दिनों में क्या करें।...