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मां कात्यायनी

मां कात्यायनी, मां दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जिनकी पूजा शारदीय नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि कात्यायन के तप से प्रकट हुई इस देवी को दानवों का संहार करने वाली और भक्तों की रक्षा करने वाली माना जाता है। मां कात्यायनी को विशेष रूप से विवाह, संबंधों और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्रदान करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है। उनकी आराधना से गुरु ग्रह मजबूत होता है, जीवन में सफलता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मां कात्यायनी का महत्व और पूजन का लाभ

शारदीय नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी के पूजन के लिए समर्पित है। मां कात्यायनी दुर्गा के छहवें स्वरूप हैं, जिन्हें दानवों का नाश करने और भक्तों की बाधाओं को दूर करने वाली देवी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की आराधना करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है, विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

कहा जाता है कि भगवान कृष्ण को पाने के लिए गोपियों ने मां कात्यायनी की पूजा की थी। इसलिए, अविवाहित कन्याओं के लिए भी यह पूजन अत्यंत फलदायी है।

नवरात्रि छठे दिन की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।

  • मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएँ।

  • देवी को पीले या गुलाबी वस्त्र अर्पित करें।

  • लाल या गुलाबी फूल विशेषकर गुलाब चढ़ाएँ।

  • पूजा थाली में दीपक, अगरबत्ती, चंदन, रोली और मिष्ठान रखें।

  • मंत्र उच्चारण करते हुए देवी को शहद का भोग लगाएँ।

  • आरती कर भक्तिपूर्वक प्रार्थना करें और परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करें।

मां कात्यायनी के लिए शुभ रंग, पुष्प और भोग

  • शुभ रंग: लाल और गुलाबी। इन रंगों का वस्त्र पहनने से सकारात्मकता और उर्जा बढ़ती है।
  • पुष्प: लाल गुलाब या गेंदा का फूल। ये फूल मां कात्यायनी को अत्यंत प्रिय हैं।
  • भोग: शहद को मुख्य भोग माना गया है। इसके अलावा फल, मिष्ठान और नारियल भी चढ़ाएँ।
  • स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थित नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥ इन मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और वैवाहिक जीवन में सुख मिलता है।

स्त्रोत

कञ्चनाभां वराभयं पद्मधरा मुकटोज्जवलां। स्मेरमुखी शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोऽस्तुते ॥ पटाम्बर परिधानां नानाल‌ङ्कार भूषिताम्। सिंहस्थिताम् पद्महस्तां कात्यायनसुते नमोऽस्तुते ॥ परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा। परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोऽस्तुते ॥ विश्वकर्ती, विश्वभर्ती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता । विश्वाचिन्ता, विश्वातीता कात्यायनसुते नमोऽस्तुते ॥ कां बीजा, कां जपानन्दकां बीज जप तोषिते । कां कां बीज जपदासक्ताकां कां सन्तुता ॥ कांकारहर्षिणीकां धनदाधनमासना। कां बीज जपकारिणीकां बीज तप मानसा ॥ कां कारिणी कां मन्त्रपूजिताकां बीज धारिणी। कां कीं कुंकै कः ठः छः स्वाहारूपिणी ॥

मां कात्यायनी की आरती

जय-जय अम्बे जय कात्यायनी, जय जगमाता जग की महारानी बैजनाथ स्थान तुम्हारा वहा वरदाती नाम पुकारा कई नाम है कई धाम है यह स्थान भी तो सुखधाम है हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी कही योगेश्वरी महिमा न्यारी हर जगह उत्सव होते रहते हर मंदिर में भगत हैं कहते कत्यानी रक्षक काया की ग्रंथि काटे मोह माया की झूठे मोह से छुडाने वाली अपना नाम जपाने वाली बृहस्पतिवार को पूजा करिए ध्यान कात्यायनी का धरिए हर संकट को दूर करेगी भंडारे भरपूर करेगी जो भी मां को 'चमन' पुकारे कात्यायनी सब कष्ट निवारे ।।
आरती करते समय दीपक जलाएँ और परिवार के सभी सदस्य मिलकर मां की स्तुति करें। श्रद्धा से की गई आरती से मां की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

मां कात्यायनी पूजा के फायद

  • विवाह संबंधी अड़चनें दूर होती हैं और योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
  • घर में सुख-शांति, धन और समृद्धि आती है।
  • गुरु ग्रह के दोष कम होते हैं।
  • शत्रु भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
  • आत्मविश्वास और आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है। 

 

मां कात्यायनी पूजा के लिए टिप्स

पूजा स्थल को स्वच्छ और सुगंधित रखें।

  • मंत्र जाप करते समय मन को एकाग्र रखें।
  • लाल, पीले या गुलाबी रंग का आसन बिछाकर पूजा करें।
  • कन्याओं को प्रसाद देकर आशीर्वाद लें।
  • पूजा के बाद शहद का थोड़ा सा सेवन करें—यह शुभ माना जाता है।
  • निष्कर्ष

  • शारदीय नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। उनकी पूजा से न केवल वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। श्रद्धा और विश्वास के साथ मां कात्यायनी की आराधना करने से सभी संकट दूर होकर जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।
  • शारदीय नवरात्रि 2025 में माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करें – यहाँ पढ़ें: – Maa Shailaputri | Maa Brahmacharini | Maa Chandraghanta | Maa Kushmanda | Maa Skandamata | Maa Katyayani | Maa Kalaratri | Maa Mahagauri | Maa Siddhidatri | Shardiya Navratri 2025 Date  |Shardiya Navratri 2025


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