>

कुज दोष - वैवाहिक जीवन में उत्त्पन्न करता हैं बाधाएँ

कुज दोष - वैवाहिक जीवन में उत्त्पन्न करता हैं बाधाएँ

यदि आप भी परेशान है कि आपकी शादी नहीं हो पा रही है या शादी हो गई है तो भी खुशी से आप अपना वैवाहिक जीवन नहीं जी पा रहे है। इसके पीछे एक बड़ा कारण छिपा हो सकता है। वो कारण कोई साधारण कारण नहीं है। नहीं ही किसी साधारण बात आपके जीवन के इतने अहम हिस्सों को प्रभावित कर सकती है। चलिए आपको बता देते है कि क्या कारण है कि हमारे विवाह में अड़चन आ रही है। आप क्यों अपने वैवाहिक जीवन सहीं से नहीं जा पा रहे है। दरअसल इसके पीछे वजह है कि आपकी कुंडली में कुज योग है। यह योग मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में होने से बनता है। मंगल ग्रह कुज योग का बनने का मुख्य कारण है। इसलिए इस योग को मांगलिक योग भी कहा जाता है।

कुज योग / कुज दोष के प्रभाव

कुज योग के प्रभाव से स्त्री और पुरूष की कुंडली में मंगल बैठ जाता है। जिसके प्रभाव कुछ ऐसा होता है कि कुंवारे जीवन में भी इसका असर दिखता है।

1.  यदि आपकी कुंडली में इस योग के भाव हैं तो आप मांगलिक है। आपकी शादी भी किसी मांगलिक से ही करनी होगी।

 

2.  मांगलिक कुंडली वाले किसी मांगलिक के साथ ही जीवन यापन कर सकते है।

3.  जब किसी कुज दोष वाले या मांगलिक की शादी किसी दूसरे कुंडली भाव वाले से हो जाती है तो वह जीवन भर दुखी रहता है।

4.  इस दोष के प्रभाव में जातक को क्रोध ज्यादा आता है, वह हमेंशा गुस्से के भाव में रहता है।

5.  इस प्रकार के दोष के प्रभाव का असर सीधा वैवाहिक जीवन पर पड़ता है।

कुज दोष से बचने के उपाय

1.  इस दोष से बचने के लिए हनुमान जी का पूजन करना चाहिए, हर मंगलवार को बन्दरों को चने खिलाए।

2.  हर रोज मंदिर जाए और मंगलवार के दिन हनुमान चालिसा का जाप करें।

3.  अपने घर में मंगल ग्रह को शांत करने के लिए हवन और पूजन कराए।

4.  साथ ही पीपल और वटवृक्ष को जल अर्पित करें और पीपल की परिक्रमा करें।

5.  यदि शादी के पहले ही कुज योग के बारें में पता चल जाए तो मांगलिक से ही शादी करनी चाहिए।

6.  गरीबों की सेवा करें और ज्यादा से अन्न दान करें। 

7.  कलयुग के देवता हनुमान जी ही इस योग से छुटकारा दिला सकते है, इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए हर अथक प्रयास करें।

8.  महामृत्युजय मंत्र का जाप करें क्योंकि अस मंत्र से हर प्रकार के दुख से छुटकारा पाया जा सकता है।

9.  यदि कोई लड़की मांगलिक है, तो लड़की की शादी पहले शास्त्रीय विधि के द्वारा भगवान विष्णु प्रतिमा से विवाह कराए।

दम्पति में यदि इस योग के प्रभाव है तो लालवस्त्र धारण कर तांबे के पात्र को चावल से भरकर श्री हनुमान मंदिर में भगवान की प्रतिमा के पास रख आए। इससे आपको जरूर इस योग से होने वाले कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

 

यहाँ पढे कुज योग का अँग्रेजी अनुवाद

 


Recently Added Articles
स्कंदमाता
स्कंदमाता

नवरात्रि के पाँचवें दिन माँ दुर्गा की पूजा का प्रारंभ होता है। इस दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। वह बिना संतान की मांग करने वाली नारियों के लिए...

मां महागौरी - नवरात्रि का आठवां दिन
मां महागौरी - नवरात्रि का आठवां दिन

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप के रूप में महागौरी की पूजा करने से साधक का मन शुद्ध होता है ...

माँ ब्रह्मचारिणी
माँ ब्रह्मचारिणी

माँ ब्रह्मचारिणी, नवरात्रि के दूसरे दिन पूजित की जाती है। यह माँ दुर्गा का दूसरा रूप है। माँ ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों के दुःखों और परेशानियों को हटाकर...

माँ कालरात्रि - नवरात्रि का सातवां दिन
माँ कालरात्रि - नवरात्रि का सातवां दिन

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि देवी दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को शक्ति...