पंडित अनुज मिश्रा
मेने ज्योतिष गुरुकुल परम्परा के अनुसार अध्यन किया हे , वैदिक ज्योतिष के अनुसार
मनुष्य के जन्म के समय आकाश मंडल में उपस्थित ग्रहों की स्थिति से एक चार्ट का निर्माण होता है जिसके द्वारा हम जातक के जीवन की छोटी से छोटी बड़ी से बड़ी घटना का पता लगा सकते हैं और जातक को समय समय पर क्या उपाय करके अपने समस्याओं को सरल बनाना है वह भी बता सकते हैं! मनुष्य के रोजगार का विचार लग्न कुंडली के दशम स्थान या dashmansh कुंडली का अध्ययन करके बताया जा सकता है! यदि मनुष्य मांगलिक है इसका पता यदि मनुष्य की लग्न कुंडली और जब मंगल चंद्र से दूसरे चौथे सातवें 8 वें और 12 वें भाव में होता है तब जातक मांगलिक होता है, मांगलिक दोष के कारण मनुष्य के वैवाहिक जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है! जब राहु और केतु के मध्य सारे ग्रह आ जाते हैं तब मनुष्य को कालसर्प दोष लगता है, जिसके कारण मनुष्य के कार्यों मे बाधाएं आती हैं कोई काम सफल नहीं हो पाता और मनुष्य का मन अशांत रहता है! मनुष्य की पत्रिका में जब नवाँ भाव पर राहु और सूर्य की युति हो रही हो तब मनुष्य को पितृदोष दोष लगता है जिसके कारण मनुष्य गर्भपात विवाह न हो पाना, वैवाहिक जीवन में अशांति का होना, अच्छी पढ़ाई करने के बावजूद भी परीक्षा में कुछ न सूझना, नौकरी छूट जाना गर्भधारण में समस्या, गर्भपात, मानसिक दृष्टि से विकलांग बच्चे अथवा विशिष्ट समस्याओं से ग्रस्त बच्चे पैदा होना, बच्चों की अकाल मृत्यु होना आदि होते हैं! मनुष्य की कुंडली में जब लग्नेश का संबंध केंद्र या त्रिकोण भाव के स्वामियों से होता है तो यह केंद्र त्रिकोण संबंध कहलाता है। ... यह योग जिस व्यक्ति की कुंडली में हो वह बहुत भाग्यशाली होता है। जातक को समस्त प्रकार के सुख, सम्मान, धन और भोग देता है। कुंडली के द्वारा मनुष्य के जीवन में दशा और अंतर्दशा के आधार पर मनुष्य के कष्टों और उपलब्धियों का आकलन किया जाता है! किसी घटना का पता लगाने के लिए मनुष्य को दशा अंतर्दशा घटना से संबंधित भाव भावेश और उसमे बैठे ग्रह तथा गोचर की सहायता से हमे घटना का सटीक ग्यान पता चलता हैं! ज्योतिष शास्त्र हमेशा सही सटीक होता है परंतु फिर भी जातक निराश इसलिए होता है क्यूंकि कुंडली देखने वाले ज्योतिषी को अनुभव कम होने पर वह मनुष्य को सटीक जानकारी नहीं दे पाता जिसके लिए मनुष्य ज्योतिष शास्त्र को गलत ठहराता है परंतु गलत ज्योतिषी हो सकता है परन्तु ज्योतिष शास्त्र नहीं! ज्योतिष मानुष का मार्गदर्शक है मनुष्य की घटनाओं का अध्ययन ज्योतिष शास्त्र में मनुष्य के भूतकाल को देखकर वर्तमान वर्तमान को समझकर भविष्य मे झांकता है! अतः ज्योतिष पथ प्रदर्शक है
Amazing guruji
Amazing guruji
best
Thankyou
kishan kholkar
(Monday, 21 February 2022, 12:14:19 AM)