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डा. हर्षवर्धन राव , वैदिक ज्योतिष के क्षेत्र में 15 वर्षो से काम कर रहा हु वेसे तो बचपन से ही में गुरुकुल पद्धति में वैदिक ज्योतिष के बिद्वान गुरुजनों के सानिध्य के कारण, वैदिक ज्योतिष के स्वभाविक आकर्षण के कारण वैदिक ज्योतिष का अध्यन प्रारम्भ किया वस्तुतः वैदिक ज्योतिष के गणित और फलित पक्ष ने मुझे इस विषय पर और अधिक मेहनत करने पर सलग्न कर दिया|
वैदिक ज्योतिष का मेर प्रारंभिक अध्यन जोशीमठ {उत्तराखंड} के सुरम्य वातावरण तथा अद्यात्मिक परिवेश में गुरुकुल में सम्पन्न हुआ |
इसका सबसे अच्छा प्रभाव रहा की में, वैदिक ज्योतिष, और मन्त्र शास्त्र के गूढ़ रहस्यों से प्रारंभिक शिक्षा से परिचित हो पाया, प्रारंभिक ज्ञान के बिना किसी भी बिषय के मास्टर नहीं बन सकते |
उसके बाद गढ़वाल विश्वाबिद्यालय और काशी हिन्दू विश्वाबिद्यालय से शास्त्री {स्नातक} आचर्य {स्नातकोतर } बिद्यावारिधि की उपाधियों की प्राप्त किया अनेको देशों और विदेशो में कई सेमिनारो और ब्याख्यानो का भी सोभाग्य मिला मेरे लिए, वैदिक ज्योतिष एक धनोपार्जन का साधन मात्र नहीं मेरे जीवन की सार्थकता का अहसास हे|