>

वार - क्या है हिन्दू कैलेंडर के 7 दिन या 7 वार

वार - क्या है हिन्दू कैलेंडर के 7 दिन या 7 वार

भारतीय पंचांग में वार का महत्वपूर्ण स्थान है। हर एक सूर्योदय के साथ एक नए वार की शुरुआत होती है। हर एक वार ग्रहों से प्रभाव‍ित होता है। हिंदू कैलेंडर में वार की गणना, किसी भी शुभ एवं अशुभ कार्यों की पूर्ति के लिए महत्वपूर्ण होती है। एक वार 24 घंटों का होता है जिसे भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 1 होरा कहते हैं। एक होरा एक घंटे की होती है। एक दिन में 24 होराएं होती हैं। एक होरा का मान एक घंटे का होता है।

दिन की प्रथम होरा के ग्रह स्वामी के अनुसार ही वार का नाम निश्चितत किया गया है। सौर मंडल में ग्रहों का क्रम सूर्य, बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, गुरु और शन‍ि है। इन्हीं ग्रहों के नाम पर वारों के नाम रखे गए हैं। सौर मंडल के केंद्र में सूर्य है जिन्हें प्रधान एवं प्रथम होरा मानते हुए पहले वार को रव‍िवार माना गया है। शुक्र, बुध, चंद्र, शन‍ि, गुरु, मंगल उनकी कक्षा, गति एवं दृश्य स्थिवत‍ियों के अनुसार एक-एक होरा का अध‍िपति माना गया है। अब इस क्रम में 24 घंटे यानी 24 होरा एक अहोरात्र के बाद 25वें घंटे में आने वाली होरा का जो स्वामी है उनके नाम पर वार के नाम रखे गए हैं। अगले दिन सूर्योदय के पहले घंटे में जो होरा होगी उसके स्वामी के नाम पर उस दिन का नाम तय किया गया है। इसल‍िए रव‍िवार के बाद सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शन‍िवार क्रमानुसार पड़े।

asg-asrology-appसूर्य सिद्धांत की मानें तो शन‍ि से चतुर्थ सूर्य की होरा होने से प्रथम वार सूर्य एवं सूर्य से चंद्रमा की होरा होने से द्वितीय वार चंद्र होरा होती है। इन वारों को गुण और स्वभाव के आधार पर दो रूपों में विभाजित किया गया है। चंद्रमा, बुध, गुरु, शुक्र सौम्य संज्ञक होते हैं। सूर्य, मंगल, शन‍ि क्रूर संज्ञक हैं। किसी भी सौम्य संज्ञक वार में शुभ कार्य की पूर्ति की जा सकती है, जबकि क्रूर संज्ञक में कठिन कार्यों की पूर्ति की जानी चाहिए।

आपकी समस्या, हमारा ज्योतिष समाधान, परामर्श करें भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से, पहले 5 मिनट प्राप्त करें बिल्कुल मुफ्त।

हिन्दू कैलेंडर के 7 दिन या 7 वार के अनुसार कार्य

रव‍िवार- हिंदू कैलेंडर के अनुसार पहला वार का स्वामी सूर्य है इसल‍िए पहला वार का नाम रव‍िवार रखा गया है। इस दिन विज्ञान, सैन्य, उद्योग, बिजली, मेड‍िकल, प्रशासन‍िक श‍िक्षा संबंधी कार्य किए जा सकते हैं। गहने-आभूषण, औषधी, शस्त्र, अनाज, राज्य प्रशासन‍िक कार्य, गाय बैल, सोना चांदी, तांबा की खरीद-फरोख्त, संपत्ति् या गाड़ी की खरीदारी, कानूनी कार्य में राय-विमर्श शुभ होता है।

सोमवार- अब आता है सोमवार। यह दूसरा वार है जिसका स्वामी चंद्रमा है। इस दिन कृष‍ि संबंध‍ित कार्य करना, लेखन कार्य, सौंदर्य प्रसाधन, औषध‍ि निर्माण, योजना संबंधी कार्य, यात्रा, नए कपड़े, डेयरी फार्म, शंख, मोती, नग-नगीने, पत्राचार के कार्य करना शुभ फलदायी होता है।

मंगलवार- तीसरा वार है मंगलवार। इस वार का स्वामी मंगल है। इस दिन किसी भी तरह के न्याय संबंध‍ित कार्य, सैन्य संबंध‍ित कार्य,  विद्या, श‍िक्षा संबंधी, सर्जरी, दंत चिकित्सा, भूगर्भ विज्ञान, व्यापार संबंधी, बिजली संबंधी, सोना, मूंगा, तांबा, पीतल की खरीदारी, रक्षा सामग्री की खरीदारी की जा सकती है।

बुधवार- चौथा वार है बुधवार। इस वार का स्वामी बुध है। लोन लेना, श‍िक्षा, गृहप्रवेश, पैसों से संबंध‍ित कार्य, पुसतक लेखन, प्रशासन, लेखाकार्य, श‍िक्षण, वकालत, श‍िल्पकारी, वाहन की खरीदारी शुभ माना गया है।

गुरुवार- यह पांचवा वार है। इस वार का स्वामी गुरु है। इस दिन विज्ञान, न्याय संबंध‍ित, धार्मिभक कार्य, गहनों की खरीदारी, भूमि, वाहन की लेन-देन, विदेश यात्रा, शादी-विवाह जैसे कार्य संपन्न करना शुभ माना गया है।

शुक्रवार- यह छठा वार है। इस वार का स्वामी शुक्र है। इस दिन कृष‍ि संबंध‍ित कार्य, कला के क्षेत्र जैसे संगीत, अभ‍िनय, काव्य रचना, सौंदर्य संबंधी कार्य, व्यापार संबंधी कार्य एवं प्रेम संबंधों के लिए शुभ माना गया है।

शन‍िवार- सातवां वार है शन‍िवार। इस वार का स्वामी शन‍ि है। इस दिन श‍िक्षा संबंधी, श‍िल्प, तकनीकी, कला, मशीनरी, ज्ञान संबंधी, लोहा, लकड़ी, तेल, पेट्रोल, ठेकेदारी, शस्त्रों का क्रय-विक्रय शुभ माना जाता है। शन‍िवार को गृह प्रवेश, नए सामान की खरीदारी, धार्मिरक कार्यों की पूर्ति अशुभ माना गया है।

वार का जीवन पर प्रभाव

वार मनुष्य के जन्म दिन पर गहरा प्रभाव डालता है। ज्योतिष विद्या के अनुसार सप्ताह के सातों संबंध‍ित ग्रह अलग-अलग हैं। इसका प्रभाव मनुष्य के स्वभाव पर भी दिखता है। आइए जानें अलग-अलग वार में जन्में जातकों का स्वभाव।

1. रव‍िवार को जन्में लोग भाग्यशाली होते हैं। ये दीर्घायु होते हैं। ये लोग कलाा और श‍िक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित पद प्राप्त करते हैं। रव‍िवार को जन्में लोग कम बोलते हैं। धर्म-कर्म के प्रति भी इनकी गहरी रुचि होती है। रव‍िवार को जन्में लोग 20 से 22 वर्ष की आयु तक कष्ट झेलते हैं।

2. सोमवार को जन्में लोग हंसमुख और मधुर वाणी वाले होते हैं। विद्या, कला, बहादुर और कुशल व्यवहार के धनी होते हैं। शारीरिक विकार में सोमवार को जन्में लोगों को कफ की श‍िकायत रहती है। इन लोगों के लिए 9, 12 और 27 वर्ष की आयु कष्ट उत्पन्न कर सकती है। सोमवार को जन्में लोग अध‍िकतर धनी और सुखी जीवन व्यतीत करते हैं।

3. मंगलवार को जन्में लोगों के पास पैसों का कभी अभाव नहीं होता है। इन लोगों का स्वभाव उग्र होता है। इन्हें ब्लड प्रेशर और स्कीन संबंध‍ित रोग हो सकते हैं।

4. बुधवार को जन्में लोग धर्म-कर्म के कार्यों में रुचि लेते हैं। ये बुद्ध‍िमान और मृदु भाषी होते हैं। ये लोग अपने माता-पिता से विशेष प्रेम करते हैं। 8 और 22 वर्ष की आयु में इन लोगों को कष्ट का सामना करना पड़ता है।

5. गुरुवार को जन्में लोग बुद्ध‍िमान होते हैं। ऐसे लोग पराक्रमी होते हैं और किसी भी परेशानी का सामना समझदारी से करते हैं। इनकी मित्र मंडली अच्छी संगती वाली होती है। 7, 12, 13, 16 और 30 वर्ष की आयु गुरुवार को जन्में लोगों के लिए कष्टकारी हो सकता है।

6. शुक्रवार को जन्में लोग बुद्ध‍िमान और मृदुभाषी होते हैं। ये लोग हंसमुख स्वभाव के होते हैं। इन लोगों में सहनशीलता एक विशेष गुण होता है जिस कारण ये कठ‍िन समय का सामना भी बड़ी आसानी से कर लेते हैं। शुक्रवार को जन्में लोग कला के क्षेत्र में खास उपलब्ध‍ि प्रापत करते हैं। 20 और 24 वर्ष की आयु इनके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।

7. शन‍िवार को जन्में लोग कृष‍ि या व्यापार में लगाव रखते हैं। इन लोगों को अपनी मित्रों का चुनाव सोच समझकर करना चाहिए। इन लोगों को छोटी उम्र में ही परेशान‍ियों का सामना करना पड़ सकता है। 20, 25 और 45 वर्ष की आयु में इन लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।

Read about Panchang Vaar in English here

यहां अन्य आर्टिकल्स पाएं: - Sawan 2025 Date इस दिन होंगे सावन व्रत 2025 तिथि और महत्व | Sawan ka Dusra Somwar | Kamika Ekadashi 2025 | Raksha Bandhan 2025 - कब है रक्षाबंधन पर्व का शुभ मुहूर्त | Aja Ekadashi 2025: कब है अजा एकादशी व्रत और शुभ मुहूर्त

 

 


Recently Added Articles
Angarak Dosh in Hindi - Angarak Dosh ke Upay
Angarak Dosh in Hindi - Angarak Dosh ke Upay

Angarak Dosh से मुक्ति पाने के लिए शक्तिशाली ज्योतिषीय उपाय, प्रभाव, लक्षण और Angarak Dosh ke upay जानें।...

Ahoi Ashtami in Hindi
Ahoi Ashtami in Hindi

Ahoi Ashtami in Hindi - अहोई अष्टमी 2025 सोमवार, 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पूजा मुहूर्त: शाम 4:00 बजे से 8:00 बजे तक। अहोई माता व्रत की विधि, कथा और म...

Ram Vivah Panchami - विवाह पंचमी
Ram Vivah Panchami - विवाह पंचमी

Ram Vivah Panchami - जानिए Vivah Panchami kab hai और इस पावन त्योहार का महत्व, जिसमें भगवान राम और माता सीता के दिव्य विवाह का उत्सव मनाया जाता है। सभ...

गणेश चतुर्थी 2025 के 10 दिनों में क्या करें
गणेश चतुर्थी 2025 के 10 दिनों में क्या करें

गणेश चतुर्थी कब है यह दिन भगवान गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व 10 दिन तक चलता है और गणेश चतुर्थी के 10 दिनों में क्या करें।...