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मकर संक्रांति हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार है, जो सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के साथ मनाया जाता है। इसे सूर्य की उत्तरायण गति की शुरुआत माना जाता है। Makar Sankranti in Hindi 2026 में बुधवार, 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन को विशेष रूप से दान, स्नान, और पूजा-पाठ के साथ मनाया जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से कौन सा व्रत या उपाय आपके लिए शुभ रहेगा, जानें ज्योतिष परामर्श पर।
मकर संक्रांति तिथि: 14 जनवरी 2026 को मनाई जाएगी
सूर्य का मकर राशि में प्रवेश: प्रातः 8:30 बजे (अनुमानित)
पुण्य काल: सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
महापुण्य काल: सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक
इन समयों के दौरान स्नान, दान और पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
मकर संक्रांति न केवल धार्मिक और बल्कि खगोलीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह दिन सूर्यदेव की उत्तरायण यात्रा का प्रतीक है, जिससे दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। Makar Sankranti in Hindi 2026 ऊर्जा, नई शुरुआत और शुभ कर्मों का प्रतीक है। साथ ही makar sakranti in hindi में यह भी माना गया है कि सूर्य के उत्तरायण होने से जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
सूर्य पूजा: सूर्यदेव की आराधना करने से समृद्धि, सफलता और स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
दान-पुण्य: तिल, गुड़, वस्त्र और अन्न का दान करने से कई गुना पुण्यफल मिलता है।
गंगा स्नान: पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Makar Sankranti in Hindi 2026 के दौरान सूर्य का मकर राशि में प्रवेश पृथ्वी के झुकाव में बदलाव को दर्शाता है। यह समय फसलों की कटाई, कृषि और नए मौसम की शुरुआत का प्रतीक होता है। इस समय फसल कटाई का मौसम शुरू होता है, जिसे भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों से मनाया जाता है, जैसे पंजाब में लोहड़ी, तमिलनाडु में पोंगल और असम में भोगली बीहू जैसे के रूप में मनाया जाता है । वैज्ञानिक दृष्टि से यह समय ऊर्जा, स्वास्थ्य और मौसम परिवर्तन के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है।
मकर संक्रांति पर सूर्य देव की कृपा से जीवन में उजाला और सौभाग्य आए। विवाह के लिए सही जीवनसाथी चुनने हेतु कुंडली मिलान करना शुभ है।
1.प्रातःकाल स्नान - मकर संक्रांति पर सूर्योदय से पहले पवित्र नदी या जल में स्नान करना शुभ माना जाता है। यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही स्नान कर शुद्ध जल का उपयोग कर सकते है।
2. सूर्य अर्घ्य - स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, तिल, और गुड़ डालकर सूर्यदेव को अर्पित करें। यह समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है।
3. पूजा स्थल पर दीप प्रज्वलित करें - घर के पूजा स्थल में दीप जलाकर भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, और सूर्यदेव की पूजा करें। तिल और गुड़ का प्रसाद अर्पित करें।
4. दान-पुण्य - इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, और कम्बल दान करें। यह विशेष पुण्यफल देने वाला होता है।
5. मंत्र जाप - सूर्य मंत्र का जाप करें:"ॐ सूर्याय नमः" इस मंत्र का 108 बार जाप करें इसे करने से सूर्यदेव का आशीर्वाद मिलता है।
भारत के विभिन्न हिस्सों में मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।
| राज्य | नाम |
| पंजाब | लोहड़ी |
| तमिलनाडु | पोंगल |
| असम | भोगली बीहू |
| गुजरात | उत्तरायण |
| कश्मीर | शिशुर सनेक्रात |
| उत्तर प्रदेश और बिहार | खिचड़ी |
| ओडिशा | मकर चौला |
| महाराष्ट्र | माघी संक्रांत |
1. सूर्य का मकर राशि में गोचर
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश से ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। इसे जीवन में नए प्रारंभ और पुरानी समस्याओं के समाधान का समय माना जाता है।
2. कुंडली पर प्रभाव
| राशि | प्रभाव |
| मेष, सिंह, धनु | करियर और धन लाभ के योग |
| वृषभ, मीन | स्वास्थ्य का ध्यान रखें |
| मकर, कुंभ | पदोन्नति और नए अवसर मिलेंगे |
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3. उपाय और लाभ
मकर संक्रांति पर नई शुरुआत और खुशियों का उत्सव मनाएं। ग्रहों की शक्ति संतुलित करने के लिए अपनाएँ प्रमाणित रत्न (Gemstone) और जीवन में खुशहाली पाएँ।
मकर संक्रांति और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
मकर संक्रांति का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी बहुत महत्वपूर्ण है। सूर्य के उत्तरायण होने से दिन लंबे और रातें छोटी हुआ करती हैं। यह समय फसलों की कटाई और कृषि गतिविधियों के लिए अनुकूल है। अपनी online kundali in hindi देखकर जानें कि इस मकर संक्रांति पर कौन-सा ग्रह आपके जीवन में शुभ परिवर्तन लाने वाला है।
मकर संक्रांति केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। यह दिन जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और दूसरों की मदद करने का संदेश देता है।
इस पवित्र अवसर पर सूर्यदेव की आराधना, दान-पुण्य, और आध्यात्मिक साधना करने से जीवन में समृद्धि और शांति आती है। आइए, इस मकर संक्रांति पर हम सभी अपने जीवन में सकारात्मकता और सेवा भाव को पूर्ण रूप से अपनाए।
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