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अल्लू अर्जुन का जन्म 8 अप्रैल, 1983 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता, अल्लू अरविंद, तेलुगु फिल्म उद्योग के एक प्रसिद्ध निर्माता हैं। अल्लू अर्जुन के परिवार का फिल्म उद्योग से गहरा नाता है, जिसने उन्हें अभिनय में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
अल्लू अर्जुन ने 2003 में फिल्म "गंगोत्री" से अपने करियर की शुरुआत की। उनके अभिनय को खूब सराहा गया और उन्होंने फिल्म जगत में अपनी पहचान बनाई। 2004 में आई फिल्म "आर्या" ने उन्हें अपार सफलता दिलाई और तेलुगु सिनेमा में सुपरस्टार बना दिया।
अल्लू अर्जुन ने बॉक्स ऑफिस पर कई हिट फिल्में दी हैं। उनकी कुछ उल्लेखनीय फ़िल्मों में "बनी", "देसामुदुरु", "परुगु", "वेदम", "जुलाई", "रेस गुर्रम", "सरैनोडु", "दुव्वादा जगन्नाधम" और "आला वैकुंठपुरमुलु" शामिल हैं। हर फ़िल्म में उन्होंने अपने अभिनय कौशल के नए आयाम दिखाए और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अल्लू अर्जुन अपनी विशिष्ट नृत्य शैली के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उनके नृत्य कौशल ने उन्हें "स्टाइलिश स्टार" का खिताब दिलाया है। दर्शक उनके नृत्य प्रदर्शनों से रोमांचित होते हैं और हर प्रदर्शन की खूब सराहना की जाती है।
अल्लू अर्जुन को उनके असाधारण अभिनय के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्होंने तीन बार दक्षिण फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और दो बार नंदी पुरस्कार जीता है। इसके अलावा, उन्हें कई अन्य पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं।
अल्लू अर्जुन न केवल एक शानदार अभिनेता हैं, बल्कि समाज सेवा में भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न चैरिटी कार्यक्रमों में भाग लिया है और समाज के लिए सकारात्मक योगदान दिया है। उनका निजी जीवन भी सुर्खियों में है। वह अपनी पत्नी स्नेहा रेड्डी और अपने दो बच्चों के साथ एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
अल्लू अर्जुन,
जन्मपत्री विश्लेषण
जन्म 8 अप्रैल 1982
12:09 PM
चेन्नई तमिल नाडु भारत
सबसे पहले ग्रहों की स्थिति, मिथुन लग्न, कन्या राशि, हस्त नक्षत्र, सूर्यराशि मीन, लग्न में राहु, की स्थिति। चौथे घर में, चंद्र मंगल की स्थिति,पंचम घर में, बृहस्पति, सप्तम में केतु , 11वें घर में शुक्र, दसवें घर में सूर्य, और बुध पत्रिका के, 12वें, से 6वें, भाव में ग्रहों की स्थिति, कई प्रकार के राजयोग का कुंडली में स्थित होना । सूर्य के साथ, में दसवें घर में, बुध आदित्य योग, बनते हुए परंतु लग्नेश का नीचे होना । और दशमेश का आतीशत्रु घर में होना ।
कुछ कष्ट के, साथ में सफलता प्राप्त होती है ।मिथुन लग्न में, राहु का प्रभाव कामयाबी देने वाला माना जाता है । लेकिन लग्न में ; राहु होना, अच्छा नहीं होता । इससे व्यक्ति को, जीवन में बहुत कष्ट, और मतिभ्रम, होता है । व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता 35वें वर्ष के बाद, प्राप्त होती है। उससे पहले बहुत सारा, संघर्ष जीवन में होता है ।
लाभ के स्वामी मंगल; का चतुर्थ भाव; में चंद्रमा के साथ होना, व्यक्ति के पर्सनल जीवन में, उच्च विचार दिखाई देते हैं ।अल्लू अर्जुन प्रसन्न रहने के लिए दृढ़ संकल्प हैं, और यह प्रसन्नता अल्लू अर्जुनको धैर्य प्रदान करती है। अल्लू अर्जुन जिम्मेदार तथा अत्यन्त मानवता वादी हैं। अल्लू अर्जुन विश्वसनीय एवं निष्ठावान हैं।
अल्लू अर्जुन मौन रहने वाले व्यक्ति हैं। अल्लू अर्जुन गंभीर व्यक्ति हैं। अल्लू अर्जुन न्यायिक मामलों के प्रति विशेषतः समझौते आदि के दस्तावेजो पर हस्ताक्षर करने में चौकस हैं। अल्लू अर्जुनकी निष्ठा को आसानी से या स्थायी रुप से जीता नहीं जा सकता है।
अल्लू अर्जुन झूठ बोलने और किसी को नुकसान पहुँचाने वाले कदापि नहीं हो सकते हैं। यदि अल्लू अर्जुन झूठ बोल भी लेते हैं तो दुबारा उस व्यक्ति से अल्लू अर्जुनके मिलने पर, उस झूठ पर पर्दा डालने के चक्कर में अल्लू अर्जुनका झूठ पकड़ा जाता है। अल्लू अर्जुन सुसंस्कृत हैं। अल्लू अर्जुन में नैतिकता है।
अल्लू अर्जुनमें धर्म की गहरी समझ है तथा अल्लू अर्जुनके द्वारा चलित सभी निकायों में अल्लू अर्जुन ईमानदारी की प्रवृति रखते हैं। अल्लू अर्जुन व्यवहारिक हैं। अल्लू अर्जुन उद्देश्यपूर्ण मितव्ययी, कर्त्तव्यनिष्ठ तथा समझदार है। कार्य करने में अल्लू अर्जुन सुव्यवस्थित है।अल्लू अर्जुनकी दृढ़ इच्छा शक्ति है। अल्लू अर्जुन जो प्राप्त करनो चाहते हैं, उसे दृढ़ता से हासिल कर ही लेते हैं। यदि अल्लू अर्जुनको उचित सहारा तथा सुख मिले तो अल्लू अर्जुन बहादुर हैं। अल्लू अर्जुनको सरलता से प्रेरित नहीं किया जा सकता, परन्तु
अल्लू अर्जुन जब भी कार्य करते हैं, बड़ी बहादुरी से करते हैं। अल्लू अर्जुन निडर हैं। अल्लू अर्जुन संघर्ष के शौकीन हैं। सफल प्रयासों की पहल करने में अल्लू अर्जुन हिचकिचाते नहीं हैं, तथा अल्लू अर्जुन पहल करने के लिये प्रेरित होते हैं। अल्लू अर्जुन अपना जीवन स्वतः स्फूर्त, स्वतः प्रेरित तथा आत्म निर्भर के रुप मे जीना पसंद करते हैं। शक्तिशाली तथा विश्वासपात्र, अल्लू अर्जुन जहां भी जाते हैं अल्लू अर्जुनको सम्मान मिलता है।अल्लू अर्जुन एक सुन्दर व्यक्ति हैं।
अल्लू अर्जुनका डील-डौल बड़ा है। अल्लू अर्जुन मध्यम से लम्बे डील-डौल के हैं। अल्लू अर्जुन छोटे से मध्यम कद-काठी के हैं। अल्लू अर्जुन डील-डौल में छोटे या नाटे हैं। अल्लू अर्जुन थोड़े गोल-मटोल हो सकते हैं। सम्भवतः अल्लू अर्जुनका वनज आवश्यकता से अधिक है। अल्लू अर्जुनकी विशेषकर बाद के वर्षों में, वजन बढ़ने की प्रवृत्ति हो सकती है। अल्लू अर्जुन केश मुलायम हैं। अल्लू अर्जुनके केश काले या भूरे हो सेकते हैं। अल्लू अर्जुनका सिर बड़ा तथा बाहर निकलता हुओ हो सकता है।
अल्लू अर्जुनका चहरा बहुत भाव द्योतक है तथा अल्लू अर्जुनकी भावानाओं को झलकाता है। वह आकर्षक है तथा लगभग बचकाना सा है। अल्लू अर्जुनका मुखमण्डल रक्तिम है। अल्लू अर्जुनका मुखमण्डल श्यामल है। अल्लू अर्जुनके दाँत तीखे हैं। अल्लू अर्जुनकी ग्रीवा एवं कण्ठ आकर्षक हैं। अल्लू अर्जुनके चेहरे पर कुछ दाग या कुछ असंतुलित आकार हो सकती है।
अल्लू अर्जुनके चेहरे पर कुछ चिन्ह या दाग हो सकते हैं। अल्लू अर्जुनकी भुजाएँ, कँधे तथा हाथ प्रबल हैं। सुनहरा तथा पीला रंग अल्लू अर्जुनके लिए प्रशंसा सूचक हैं। अल्लू अर्जुनका स्वरुप एक प्रभाव डालता हैं। अल्लू अर्जुनके मुख पर उज्जवल चमक हैं।
अल्लू अर्जुन भाषण देने की तथा शिक्षण कला में उत्तम हो सकते हैं। सामान्यतः अल्लू अर्जुनका भाषण तथा आत्म-अभिव्यक्ति, अस्पष्टता के बिना, बहुत सही उच्चारित तथा प्रवीण है,। अल्लू अर्जुन मृदु भाषी हैं। अल्लू अर्जुनका भाषण मृदु तथा आरामदायक है। अल्लू अर्जुनके शब्द आरामदायक, करुण तथा प्रगाढ़ हैं। अल्लू अर्जुन स्पष्ट वक्ता हैं। अल्लू अर्जुनका भाषण बहुत ओजस्वी, प्रबल तथा केन्द्रित है। अल्लू अर्जुनका भाषण गतिशील तथा शक्तिशाली है।
अल्लू अर्जुनका भाषण मनोवैज्ञानिक महत्व के विषयों से संबंधित होता है।अल्लू अर्जुन संगठित व्यक्ति हैं तथा अल्लू अर्जुनका दिमाग श्रेष्ठ है। अल्लू अर्जुन अधिकांशतः किताब या अखबार में खोये रहेते हैं। अल्लू अर्जुनके विचार व्यवहारिक तथा उपयोगिता के आधार पर तौले जाते है।
अल्लू अर्जुनको तकनीकी चीजों का अच्छा ज्ञान है। अल्लू अर्जुन विश्लेष्णात्मक है व व्यवस्थित पहुंच रखते हैं। अल्लू अर्जुन अपने मृत्यु के समय को पहले ही जानते होगें। अल्लू अर्जुन मानसिक रुप से अनुशासित हैं व ध्यानपूर्वक योजना बनाते हैं।
अल्लू अर्जुन दूसरों में कमियाँ ढूंढ़ते हुए खुद की सीमाऐं भूल जाते हैं। अल्लू अर्जुनका मानस जीवन में आर्थिक उन्नति में लगा हुआ है।अल्लू अर्जुन भावनात्मक रुप से गम्भीर, सौम्य व दयालु हैं। अल्लू अर्जुन मनमौजी व संवेदी हैं। कई बार अल्लू अर्जुन चिन्तातुर, अवसादग्रस्त व एकाकी महसूस करते हैं। अल्लू अर्जुन अवसादग्रस्त होने की सम्भावना रखतें हैं। अल्लू अर्जुन महसूस करते है मानों अल्लू अर्जुनके सहपाठियों या निकट सहभागी के द्वारा अल्लू अर्जुनकी उपेक्षा हुई हो।
अल्लू अर्जुन अपने को अभिव्यक्त करने में कुछ हिचकिचाएगें क्योंकि यह अल्लू अर्जुनको असुरक्षित होने का अनुभव कराता है।जीवन के प्रति अल्लू अर्जुनका नजरिया सकारात्मक व आशावादी है। अल्लू अर्जुन अपने क्रिया-कलापों में अति सावधान तथा कभी-कभी हिचकिचाहट भरे हो सकते हैं। अल्लू अर्जुन अपना कार्य पूर्ण होने तक आराम से नही बैठते। अल्लू अर्जुन अपना समय सामाजिक गतिविधियों में लगाते हैं। अल्लू अर्जुन स्वेच्छा से कदम उठाते है तथा यह प्रशंसनीय होता हैं।
अल्लू अर्जुन दूसरों के प्रति उदार है और दूसरों को जीवन में अच्छे पक्ष के लिये प्रेरित करते हैं। अल्लू अर्जुन हमेशा अपने नजदीकी लोगों की मदद के लिये तैयार रहते है तथा दूसरों के साथ उनकी भावनाओं को बांटने में उदारता व्यक्त करते हैं। अल्लू अर्जुन ऐसे व्यक्तित्व के स्वामी हैं जो सम्पूर्ण विश्व के हित में विचार करता है। अल्लू अर्जुन कतिपय कारकों के आदर्शों को अपना लेते है और उनका पालन करते हैं। अल्लू अर्जुन अध्यापकों की कमियों पर ध्यान देंगे।
अल्लू अर्जुन दूसरों के द्वारा किये गये हित को भूल जाने के कारण कभी-कभी दूसरों के प्रति वफादारी और सहिष्णुता नहीं रख पाते। अल्लू अर्जुनके क्रोध के कारण अल्लू अर्जुनकी पराजय होती है जिसे अल्लू अर्जुन महसूस नहीं कर पाते और यही अल्लू अर्जुनको बुरी आदतों की और धकेल देता हैं। अल्लू अर्जुन की पत्रिका में राजयोग की बात करें। इनकी पत्रिका में सबसे प्रभावी योग है; संख्यादम योग है। जब पत्रिका में सारे ग्रह; छह भाव में होते हैं, तब यह योग बनता है,
और ऐसा व्यक्ति महान होता है। और विख्यात होता है; 36, से लेकर के और 42, में वर्ष तक बहुत कुछ सुख संपत्ति जीवन में बनता है। अल्लू अर्जुन की पत्रिका में; लक्ष्मी योग भी है। केंद्र में चंद्र, मंगल, होने से लक्ष्मी योग होता है।यह योग जातक को सुंदर बनाता है। धनी बनता है; और गुण संपन्न बनता है। और सबसे महान कर्मजीव योग: लग्न, चंद्र, या सूर्य, से दशमेश बृहस्पति, युक्त हो तो; तब ऐसा योग बनता है। जातक को बृहस्पति, से जुड़े हुए व्यवसाय में सहायक होती है।
और शिक्षा इत्यादि, में बहुत लाभ प्राप्त होगा। पत्रिका का विश्लेषण करते हैं; तो 15 प्रकार, के राजयोग है। पत्रिका में उपस्थित होते हैं, इससे जीवन में काफी कुछ भविष्य में प्राप्तहोता है।
अल्लू अर्जुन ने अपने अभिनय, नृत्य और करिश्माई व्यक्तित्व से दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने न केवल तेलुगु सिनेमा में, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा में भी अपनी पहचान बनाई है। दर्शक उनकी फिल्मों का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं और वह लगातार उनकी उम्मीदों पर खरे उतरते हैं। अल्लू अर्जुन भारतीय सिनेमा का एक चमकता सितारा हैं और उनकी प्रतिभा भविष्य में भी उद्योग को रोशन करती रहेगी।
वे एक भारतीय अभिनेता, डांसर, निर्माता और पार्श्व-गायक हैं, जो मुख्य रूप से धारावाहिक सिनेमा में कलाकार हैं। इन्हें "स्टाइलिश स्टार" और "बनी" के नाम से भी जाना जाता है।
जन्म: 8 अप्रैल 1983, चेन्नई (मद्रास), तमिलनाडु
परिवार: फ़िल्म फ़िल्मों से हैं - पिता अल्लू अरविंद निर्माता हैं, चाचा चिरंजीवी, पवन कल्याण, चौथा भाई राम चरण तेजा भी फ़िल्म जगत से जुड़े हैं
छोटी उम्र में 'विजेता' फिल्म में एक कैमियो भूमिका निभाई, और अभिनेता के रूप में शुरुआत की 2003 की फिल्म गंगोत्री से हुई।
आर्य (2004), बनी (2005), देसमुदुरु (2007), परुगु (2008), वेदम (2010), रेस गुर्रम (2014), पुष्पा: द राइज (2021) और पुष्पा 2: द रूल (2024) जैसे स्टार कार्य शामिल हैं।
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