जैसा कि आपको पता ही है कि हिन्दू धर्म में शनि और राहु ग्रह की शांति के लिए शनिवार दिन के दिन बहुत सारे लोग व्रत रखते है। वहीं ज्योतिषों के अनुसार अग्नि पुराण के अनुसार मूल नक्षत्र युक्त शनिवार से आरंभ करके सात लगातार शनिवार के व्रत करने से शनि ग्रह से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति बनी रहती है। तो आज एक बार फिर हम आपके लिए लेकर व्रत की पूरी जानकारी और आज का टॉपिक शनिवार व्रत के ऊपर है।
बता दें कि शनिवार के दिन अगर आप भी व्रत करते है तो शनि ग्रह का दोष समाप्त हो जाता है और साथ ही आगे भविष्य के प्रकोप से भी बचा जा सकता है अगर आप शनि ग्रह से ग्रसित है तो। बाकी व्रतों की भांति ही शनिवार के दिन व्रत रखने से घर में सुख आता है और शांति रहती है। इसके अलावा रोग निकट नहीं आते है।
अब हम बात करेंगे शनिवार व्रत की विधि की। आपने ऊपर पढ़ लिया होगा कि आखिर शनिवार के दिन व्रत क्यों रखा जाता है और क्या लाभ मिलते है। अब बात करते है इसकी विधि के बारे में। तो शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद तिल और लौंग युक्त जल पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए, ऐसा करना बहुत लाभदायक माना जाता है। बता दें कि जब जल चढ़ाते है उस समय भक्त को शनिदेव और हनुमान जी का नाम लेना चाहिए। फिर शनिदेव की मूर्ति के पास बैठना चाहिए। अगर मूर्ति नहीं है तो तस्वीर भी लगा सकते है।
इसके बाद ज्योतिष यह कहते है कि पूजा अर्चना होने के बाद भक्तों को काला कपड़ा या काली वस्तु भिक्षु को दान करनी चाहिए। इसके अलावा जो लोग शनिवार को व्रत रखते है उन्हें रात में खाना खाते समय “शं शनैश्चराय नम” का जाप करना चाहिए, ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते है। जबकि व्रत के समाप्ति के दिन भक्तों को शनिदेव के नाम हवन करते हुए कथा का वाचन करना चाहिए।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भगवान शनिदेव को काली वस्तुओं से बहुत लगाव है इस कारण उन्हें काली वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। इसमें आप काले तिल, उड़द की दाल आदि का भोग चढ़ा सकते है जो बहुत लाभदायक माने जाते है। तो उम्मीद करते है कि आपको शनिवार व्रत के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल गयी होगी।
शनिवार व्रत का अंग्रेजी अनुवाद पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
Submit details and our representative will get back to you shortly.