>

Rudraksha - जानिए रुद्राक्ष के आश्चर्यजनक फायदे

रुद्राक्ष किसी मंदबुद्धि को भी ज्ञानी बना सकता है, जानिए! रुद्राक्ष के आश्चर्यजनक फायदे

हमारे जीवन में कई चीजें ऐसी होती है, जिनके गुणों की व्याख्या भी नहीं की जा सकती। जो केवल प्रिय ही नहीं होती, मुनि ज्ञानी भी जिसकी महिमा का वर्णन करते हैं और उन्हीं में शामिल है रुद्राक्ष। आज हम आपको भगवान शंकर के रुद्राक्ष के बारे में बताएंगे। रुद्राक्ष उन गुणों से बना हुआ है जो जीवन में बहुत सी खुशियां ला सकता है। जो मंदबुद्धि को भी ज्ञानी बना सकता है।

आइए जानते हैं रुद्राक्ष के ऐसे फायदे जो किसी को भी आश्चर्यचकित कर सकते है।

रुद्राक्ष का अर्थ

कहा जाता है कि रुद्राक्ष भगवान मान शंकर की आंखों से निकला आंसू है, जो प्राचीन काल से ही आभूषण के रूप में मानव जीवन की रक्षा के लिए शरीर में धारण किया जाता है। समझ सकते हैं भगवान शिव की आंख का आंसू कितना कीमती होगा। रुद्राक्ष में वह अनंत शक्ति होती है, जो बड़ी-बड़ी औषधि को भी फेल कर सकता है। दरअसल, रुद्राक्ष 17 तरह के होते हैं लेकिन 11 तरह की रुद्राक्ष जीवन में उपयोग किए जाते हैं।

रुद्राक्ष के लाभ

रुद्राक्ष जीवन की हर छोटी-मोटी समस्याओं से निजात दिला सकता है। एक मुखी रुद्राक्ष को साक्षात भगवान शिव का रूप माना गया है। एक मुखी रुद्राक्ष सिंह राशि के लिए प्राण दायक साबित होता है। वहीं 2 मुखी रुद्राक्ष को शिव के अर्धनारीश्वर रूप के समान जाता है। तीन मुखी और चार मुखी रुद्राक्ष को कमश: अग्नि का तेज और भगवान ब्रह्मा का रूप माना गया है। इन दोनों रुद्राक्ष को मेष, मिथुन और कन्या राशि वाले धारण कर सकते हैं। इस रुद्राक्ष से त्वचा के रोग, पानी की समस्या और मंगल दोष का निवारण होता है। सबसे महत्वपूर्ण मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि कहा गया है, जो मंत्रों की शक्ति के द्वारा ही धारण किया जाता है। यह वह रूद्राक्ष है जो किसी विद्यार्थी के जीवन में उजाला भर सकता है। इस रुद्राक्ष से शिक्षा के प्रति अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इसी तरह से छठी मुखी रुद्राक्ष भगवान कार्तिक का स्वरूप है और सात मुखी रुद्राक्ष सप्तऋषियों का स्वरूप माना गया है। आठ मुखी रुद्राक्ष अष्ट देवियों यानी मां दुर्गा का स्वरूप है, जो धन की प्राप्ति के लिए असरदार होता है। ग्यारहमुखी रुद्राक्ष भगवान का रूप होता है, जिसे माता-पिता अपनी संतान की रक्षा के लिए पहनते हैं। जानिए रुद्राक्ष कैसे आपके जीवन पर प्रभाव डालती हैं, जानने के लिए  अभी बात करे हमारे जाने माने ज्योतिष्यो से!

रुद्राक्ष को धारण का तरीका

रुद्राक्ष भगवान शिव की पवित्र वस्तु में से एक है, इसलिए इसे धारण करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं।

1. इसे कलाई, कंठ और हृदय पर ही धारण किया जा सकता है।

2. रुद्राक्ष को पहनने से पहले यह जानना जरूरी है कि रुद्राक्ष को किस वस्तु में डाल कर धारण करें। यदि आप कलाई में पहनना चाहते हैं तो 12 रुद्राक्ष ही धारण कर सकते हैं। बिल्कुल ऐसे ही 36 रुद्राक्ष कंठ में पहने जाते हैं और 108 रुद्राक्ष की माला को हृदय में पहना जाता है।

3. यदि कोई रुद्राक्ष के एक दाने को ही पहनना चाहता है तो रुद्राक्ष के दाने को लाल धागे में डालकर धारण करें।

4. भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना सावन माना गया है। कहा जाता है कि भोलेनाथ इस महीने में सबसे ज्यादा खुश रहते हैं इसलिए रुद्राक्ष को धारण करना चाहते हैं तो सावन का सोमवार सबसे शुभ माना जाता है।

5. जो लोग रुद्राक्ष को धारण कर लेता उसे अशुद्ध कार्यों से दूर रहना चाहिए। वरना रुद्राक्ष का दुष्प्रभाव से बचना मुश्किल हो सकता है।

यह भी पढ़े:

चांदी की अंगूठी पहनने के फायदे


Recently Added Articles
लोकसभा चुनाव 2024 ज्योतिषी भविष्यवाणी
लोकसभा चुनाव 2024 ज्योतिषी भविष्यवाणी

भारत में 2024 में लोकतंत्र का महा पर्व, 18वीं लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है। आप सभी पाठकों को यह जानकर खुशी होगी कि हमने 2019 में पिछली 17वीं लोकसभा ...

माँ कालरात्रि - नवरात्रि का सातवां दिन
माँ कालरात्रि - नवरात्रि का सातवां दिन

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि देवी दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को शक्ति...

Mata Katyayani
Mata Katyayani

नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। इनके चार भुजाएं होती हैं। ऊपर वाले दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में वर मुद्...

माँ चंद्रघंटा
माँ चंद्रघंटा

माँ चंद्रघंटा, माँ दुर्गा का तीसरा रूप, नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा के द्वारा चमकाया जाता है। उनकी पूजा या अर्चना करके, आपको असीमित शक्तियाँ प्राप्त...