>

श्रावण पूर्णिमा 2024 - जानें, श्रावण पूर्णिमा का महत्व, व्रत विधि और तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को श्रावण पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में श्रावण पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। यह पूर्णिमा भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस दिन भक्त बड़े ही श्रद्धा भाव से भगवान शिव की पूजा करते हैं।

श्रावण पूर्णिमा का महत्व

हिंदू मान्यताओं के अनुसार श्रावण पूर्णिमा के दिन को बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है एवं भक्तों को शिव जी के कृपा से सुख और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। इस दिन दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रावण पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया जाता है इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा में आरंभ हुई अमरनाथ की पवित्र यात्रा श्रावण पूर्णिमा के दिन ही संपन्न होती है। साथ ही इस दिन कावड़ यात्रा भी संपन्न होती है। श्रावण पूर्णिमा को मध्य भारत में कजरी पूनम और गुजरात में पवित्रोपना के रूप में भी मनाया जाता है। साथ ही दक्षिण भारत में श्रावण पूर्णिमा के दिन नारियली पूर्णिमा और अवनी अवित्तम भी मनाई जाती है।

kundli

श्रावण पूर्णिमा के दिन पूजा करने से चंद्रदोष से भी मुक्ति मिलती है। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है इसलिए इस दिन स्नान करने के पश्चात गाय को चारा, चिंटियों एवं मछलियों को दाना खिलाना चाहिए।

श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन

रक्षाबंधन का त्यौहार भी श्रावण पूर्णिमा के पावन दिन पर मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के कलाई पर राखी बांधती हैं और भगवान से उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। बदले में भाई भी अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है और उसे उपहार भी देता है। रक्षाबंधन भाई और बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है और इसे भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

श्रावण पूर्णिमा व्रत 2024

•  श्रावण पूर्णिमा के दिन दूध, गंगाजल और अक्षत मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।

• इस दिन गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि फैलती है।

• इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक भी करते हैं।

• श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है एवं पापों से मुक्ति भी मिलती है।

• इस दिन भगवान शिव, विष्णु, लक्ष्मी माता एवं हनुमान जी को रक्षासूत्र अर्पित करना चाहिए।

• इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा का भी विधान होता है। भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी माता की पूजा करने से सुख-समृद्धि एवं धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

astrology-app

श्रावण पूर्णिमा पूजा तारीख व समय 2024 

•  वर्ष 2024 में श्रावण पूर्णिमा 19 अगस्त, सोमवार के दिन मनाया जाएगा।

•  पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त, 2024 को 03:05:55 से आरम्भ होगी और 19 अगस्त, 2024 को 23:56:53 पर समाप्त होगी।

श्रावण पूर्णिमा 2024 पर्व को और खास बनाने के लिये परामर्श करे इंडिया के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर्स से।


Recently Added Articles
अंबुबाची मेला:-कामाख्या मंदिर का पवित्र उत्सव
अंबुबाची मेला:-कामाख्या मंदिर का पवित्र उत्सव

असम राज्य के गुवाहाटी शहर में स्थित कामाख्या मंदिर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला मेला...

तुलसीदास जयंती  महान संत और कवि तुलसीदास का जीवन और योगदान
तुलसीदास जयंती महान संत और कवि तुलसीदास का जीवन और योगदान

तुलसीदास जी का नाम भारतीय साहित्य और संस्कृति में स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है।...

रोहित शर्मा उनके क्रिकेट सफर का ज्योतिषीय विश्लेषण
रोहित शर्मा उनके क्रिकेट सफर का ज्योतिषीय विश्लेषण

रोहित शर्मा, भारतीय क्रिकेट का "हिटमैन," अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी क्षमता और नेतृत्व कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं।...

काल सर्प दोष:- एक विस्तृत अध्ययन
काल सर्प दोष:- एक विस्तृत अध्ययन

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष एक महत्वपूर्ण और चर्चित विषय है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की बाधाओं...