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नवरात्रि, नवदुर्गा नौ दिनों का त्योहार है, सभी नौ दिन माता आदि शक्ति के विभिन्न रूपों को समर्पित हैं। देवी के नौ रूप, नवग्रहों के प्रभुत्व और उनसे जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए भी उनकी पूजा की जाती है। वैसे तो एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं। चैत्र नवरात्रि (navratri) हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इस समय के दौरान, भक्त लौकिक शक्तियों की देवी माँ दुर्गा की आराधना करते हैं, ताकि उनके दिव्य भक्ति से आशीर्वाद मिल सके। यह माना जाता है कि यदि भक्तों की बिना इच्छा के देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, तो वे मोक्ष प्राप्त करेंगे। चैत्र नवरात्रि भी गर्मियों के मौसम की शुरुआत को चिह्नित करती है और तब देखी जाती है जब प्रकृति एक बड़े जलवायु परिवर्तन से गुजरती है। यह लोकप्रिय धारणा है कि चैत्र नवरात्रि के दौरान एक व्रत (उपवास) का पालन करके शरीर को गर्मियों के मौसम के लिए तैयार किया जाता है।देवी के नौ रूप, नवग्रहों के प्रभुत्व और उनसे जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए भी उनकी पूजा की जाती है। यदि आप अपनी कुंडली या ग्रहदोष से संबंधित विस्तृत मार्गदर्शन चाहते हैं तो ज्योतिष परामर्श ले सकते हैं।
नवरात्रों के दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है और जातक यानी कि भक्त माता के इन नौ रूपों में से शक्तियां प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। ऐसा बोला जाता है कि माता के नौ दिनों में व्रत करने से व्यक्ति के अंदर मां की सभी प्रकार की नौ शक्तियां आने लगती हैं, जिसके कारण जीवन में जो भी परेशानियां आ रही होती हैं वह धीमे-धीमे खत्म होने लगती हैं। अगर इन नवरात्रों का वैज्ञानिक महत्व देखें तो यह नवरात्रि (navratri 2025) जब भी आते हैं तब मौसम में परिवर्तन हो रहा होता है अर्थात मौसम के अनुसार किसी व्यक्ति का शरीर ढल जाए इसी कारण से नवरात्रों का आयोजन किया जाता है। यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो नवरात्रि 2025 (Navratri 2025) मौसम परिवर्तन का संकेत भी है। इसलिए नवरात्रि का महत्व आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से विशेष है।
यानी navratri dates 2025 in Hindi इस प्रकार रहेंगी:-
साल 2025 में चैत्र नवरात्रि का जो समय है वह 30 मार्च 2025 से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 तक चलने वाला है। आने वाला मार्च महीना निश्चित रूप से हिंदुओं के लिए काफी पवित्र महीना होने वाला है इस महीने में सभी भक्तों 9 दिन माता को याद करेंगे और माता से अपने विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। इस शुभ समय में विवाह की तैयारी कर रहे लोगों के लिए कुंडली मिलान विशेष महत्व रखता है, क्योंकि सही मिलान से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
साल 2025 के अंदर इसके बाद आश्विन नवरात्रि (Navratri 2025) होंगे जो कि 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025 तक चलेंगे। अक्टूबर महीने में आने वाले शारदीय नवरात्रि भी हिंदुओं के लिए विशेष महत्व रखते हैं और जब मौसम गर्मियों से सर्दियों में परिवर्तित हो रहा होता है तो उस समय 9 दिन व्रत रखकर हिंदू मौसम के अनुसार अपने शरीर को बदलते हुए नजर आते हैं।
हिंदू नवरात्रों के अलावा साल में दौर नवरात्रि गुप्त नवरात्रि बोले जाते हैं। गुप्त नवरात्रों के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं केवल और केवल साधु संत ही माता की पूजा इन दिनों में करते हुए दिखते हैं। चैत्र नवरात्रि के बाद चौथे महीने आषण महीने में गुप्त नवरात्रे आते हैं। इसके बाद आश्विन नवरात्रि आते हैं और इसके बाद साल के 11 महीने में फिर से गुप्त नवरात्रे आते हैं।
नवरात्रि का पहला दिन प्रतिपदा - मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रों में माता के पहले रूप में जिन की पूजा की जाती है उनका नाम शैलपुत्री है, हिमालय राज्य की पुत्री होने के कारण इनको शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है।
नवरात्रि का दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। मां दुर्गा का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटि फल प्रदान करने वाली है।
नवरात्रि दिन 3 - मां चन्द्रघंटा की पूजा

माता का जो तीसरा रूप है उसको चंद्रघंटा बोला जाता है चंद्रघंटा माता की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से बड़े से बड़े कलेश और दुख दूर होने लगते हैं।
नवरात्रि का चौथा दिन - मां कूष्मांडा की पूजा
चतुर्थी के दिन मांं कुष्मांडा की आराधना की जाती है। माता का चौथा रूप सिद्धियों और निधियों को प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन बताया जाता है। साथ ही साथ इस दिन माता की पूजा करने से आयु व यश में वृद्धि होती है।

नवरात्रि का पांचवा दिन - मां स्कंदमाता की पूजा

नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी है।
नवरात्रि का छठा दिन - मां कात्यायनी की पूजा

मां का छठवां रूप कात्यायनी है। छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। कात्यायनी माता का अगर सही तरीके से बात स्मरण कर ले तो इससे व्यक्ति के जीवन से सभी तरीके की बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
नवरात्रि का सातवां दिन - मां कालरात्रि की पूजा

नवरात्रि की सप्तमी के दिन मांं काली रात्रि की आराधना का विधान है। इस दिन माता की एक कालरात्रि अवतार को याद करने से बड़े से बड़े दुश्मनों का खात्मा हो जाता है।
नवरात्रि दिन 8 - मां महागौरी की पूजा

देवी का आठवांं रूप मांं महागौरी है। माता का यह रूप व्यक्ति के जीवन से सभी तरीके के डरो को खत्म करने के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया गया है।देवी का आठवांं रूप मांं महागौरी है। माता का यह रूप व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के डरों को समाप्त करने में सहायक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मां महागौरी की कृपा पाने और भय दूर करने के लिए उपयुक्त Gemstone धारण करना भी शुभ माना जाता है।
नवरात्रि दिन 9 - मां सिद्धिदात्री की पूजा

मां सिद्धिदात्री की आराधना नवरात्रि (navratri 2025) की नवमी के दिन किया जाता है। सिद्धिदात्री माता का रूप व्यक्ति की सभी तरीके की मनोकामना को पूर्ण करता है।
नवरात्रि व्रत को सफल बनाने के लिए देवी पूजन और कथाएँ जानें यहाँ पढ़ें: – Maa Shailaputri | Maa Brahmacharini | Maa Chandraghanta | Maa Kushmanda | Maa Skandamata | Maa Katyayani | Maa Kalaratri | Maa Mahagauri | Maa Siddhidatri | Shardiya Navratri 2025 Date |Shardiya Navratri 2025
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