>

2025 Indira Ekadashi: कब है इंदिरा एकादशी 2025 व्रत और शुभ मुहूर्त

इंदिरा एकादशी हिंदुओं के शुभ उपवासों में से एक है जो हिंदू आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के 'एकादशी'पर पड़ती है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार सितंबर से अक्टूबर के महीने में आती है। जैसा कि इंदिरा एकादशी पितृ पक्ष में पड़ती है, तो पितरों के लिए समर्पित पखवाड़े, इसे 'एकादशी श्राद्ध'भी कहा जाता है। इस एकादशी व्रत का मुख्य उद्देश्य पूर्वजों या मृत पूर्वजों को मोक्ष देना है ताकि उन्हें नरक से न गुजरना पड़े। हिन्दू अतीत के गलत कामों की क्षमा मांगने के लिए इंदिरा एकादशी व्रत का पालन करते हैं। इंदिरा एकादशी व्रत भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा मनाया जाता है जो अपने प्यार और स्नेह की तलाश करते हैं।

2025 में कब पड़ने वाली है इंदिरा एकादशी

इंदिरा एकादशी 2025 का विवरण:

एकादशी तिथि प्रारंभ: 17 सितंबर 2025, रात्रि 00:43बजे

एकादशी तिथि समाप्त: 17 सितंबर 2025, रात्रि11:40 बजे

व्रत तिथि: 17 सितंबर 2025 (बुधवार)

पारणा समय (व्रत तोड़ने का मुहूर्त):

18 सितंबर 2025, सुबह 06:22 बजे से 08:40 बजे तक

अवधि: 2 घंटे 18 मिनट

द्वादशी तिथि समापन: 18 सितंबर 2025, रात्रि 11:25 बजे

विशेष नोट:
इंदिरा एकादशी का व्रत पितृ पक्ष (अश्विन मास के कृष्ण पक्ष) में 
पड़ता है और इसे पितरों की शांति के लिए किया जाता है।

उद्यापन का समय सूर्योदय के बाद द्वादशी तिथि के अंदर करना चाहिए।

इंदिरा एकादशी 2025 के व्रत के अनुष्ठान

इंदिरा एकादशी पर, इस व्रत के पालनकर्ता श्राद्ध का अनुष्ठान करते हैं। भक्तों को अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए पूर्ण अनुष्ठान का पालन करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की एक मूर्ति की पूजा भव्यता और धूम-धाम से की जाती है। श्रद्धालु मूर्ति को तुलसी के पत्ते, फूल और फल अन्य पूजा सामग्री के साथ चढ़ाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर भी जाना चाहिए।

kundliइंदिरा एकादशी का व्रत एक दिन पहले यानी 'दशमी'से शुरू हो जाता है। दशमी के दिन मृत पूर्वजों के लिए अनुष्ठान किया जाता है और प्रार्थना की जाती है। एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले ही भोजन कर लिया जाता है, भक्तगण व्रत रखते हैं। व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन, भगवान विष्णु की पूजा के बाद 'द्वादशी'को समाप्त होता है। जैसा कि पितृ पक्ष के दिन में होता है, भोजन से पहले पुजारियों और गायों को भोजन दिया जाता है।

इंदिरा एकादशी के दिन भक्त सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और वैदिक मंत्र और भजन भगवान की स्तुति में गाए जाते हैं। इस व्रत के पालनकर्ता को पूरी रात जागना चाहिए और भक्ति गीत गाकर भगवान विष्णु की कथाओं को सुनना चाहिए। साथ ही 'विष्णु सहस्त्रनाम'का पाठ भी करना सौभाग्यशाली माना जाता है।

इस दिन, मृत पूर्वजों की याद में विशेष अनुष्ठान और प्रार्थना की जाती है। पूर्वजों के लिए प्रार्थना करने के लिए दोपहर का समय अनुकूल माना जाता है।

इंदिरा एकादशी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):


1. इंदिरा एकादशी क्या है और इसका क्या महत्व है?

यह अश्विन मास के कृष्ण पक्ष पर आने वाली एकादशी है, जो पितृ पक्ष में मनाई जाती है।
इस व्रत को पितरों (पूर्वजों) की मुक्ति और शांति के लिए 
किया जाता है।
मान्यता है कि इस व्रत से पितृ दोष दूर होता है और पितरों को मोक्ष मिलता है।

2. इंदिरा एकादशी व्रत कैसे करें?

सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पवित्र वस्त्र पहनें।
भगवान विष्णु का भजन करना, "ओम नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप।
पितरों का तर्पण (जल अर्पित करना) और ब्राह्मणों को भोजन।
पूरे दिन उपवास रखें (फलाहार या निर्जला व्रत)।
अगले दिन सुबह पारणा 
करना (द्वादशी तिथि में)।

3. क्या खाएं और क्या न खाएं?

खाएं: फल, दूध, मेवे, साबुदाना, सेंधा नमक की रोटी।
न खाएं: चावल, अनाज, प्याज, लहसुन, मांस-मछली, मसूर की दाल।

4. 
यदि व्रत टूट गया तो क्या करें?

यदि गलती से अनाज खा लिया हो, तो "इंदिरा एकादशी व्रत क्षमा प्रार्थना" करें और अगले वर्ष फिर से व्रत करें।

5. 
बच्चे और बुजुर्ग भी व्रत रख सकते हैं?

हाँ, लेकिन कमजोर लोग फलाहार व्रत रख सकते हैं। गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग डॉक्टर की सलाह लें।

6. इंदिरा एकादशी और ऋषि पंचमी एक ही दिन पड़ रही है, क्या करें?

2025 में ऐसी स्थिति नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हो तो सबसे पहले इंदिरा एकादशी का व्रत लें और फिर ऋषि पंचमी का विधान करें।

7. पारणा कब करना चाहिए?

18 सितंबर को सुबह 06:22 से 08:40 बजे के बीच (द्वादशी तिथि में) पारणा करें।


Recently Added Articles
Ram Vivah Panchami - विवाह पंचमी
Ram Vivah Panchami - विवाह पंचमी

Ram Vivah Panchami - जानिए Vivah Panchami kab hai और इस पावन त्योहार का महत्व, जिसमें भगवान राम और माता सीता के दिव्य विवाह का उत्सव मनाया जाता है। सभ...

Ahoi Ashtami in Hindi
Ahoi Ashtami in Hindi

Ahoi Ashtami in Hindi - अहोई अष्टमी 2025 सोमवार, 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पूजा मुहूर्त: शाम 4:00 बजे से 8:00 बजे तक। अहोई माता व्रत की विधि, कथा और म...

गणेश चतुर्थी 2025 के 10 दिनों में क्या करें
गणेश चतुर्थी 2025 के 10 दिनों में क्या करें

गणेश चतुर्थी कब है यह दिन भगवान गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व 10 दिन तक चलता है और गणेश चतुर्थी के 10 दिनों में क्या करें।...

Angarak Dosh in Hindi - Angarak Dosh ke Upay
Angarak Dosh in Hindi - Angarak Dosh ke Upay

Angarak Dosh से मुक्ति पाने के लिए शक्तिशाली ज्योतिषीय उपाय, प्रभाव, लक्षण और Angarak Dosh ke upay जानें।...