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Vivah Muhurat 2026

विवाह की तारीख तय करते समय vivah muhurat 2026 महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विवाह को लेकर हिन्दू शास्त्रों में विशेष रूप से व्यवस्था की गयी है। विवाह दो लोगों के बीच में आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक रूप से विशेष महत्व रखता है। विशेष रूप से हिंदू विवाह में यह बात बताई जाती है कि यह एक जन्म का नहीं बल्कि सात जन्मों का रिश्ता होता है। यह माना जाता है कि अशुभ विवाह मुहूर्त (Vivah Muhurat )पर किए गए विवाह अक्सर जोड़े पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।  ऐसे समय में सही मार्गदर्शन के लिए कई लोग astrology in hindi का सहारा लेते हैं। वैसे भी अगर कोई शुभ कार्य गलत समय में किया जाए तो इससे जातक और जो भी लोग इस कार्य से जुड़े होते हैं उनको बाद में हानि उठानी पड़ सकती है। हिंदू विवाह परम अनंत काल के लिए दो व्यक्तियों का सामंजस्य करता है, ताकि वे धर्म (सत्य), अर्थ और काम (भौतिक इच्छाओं) को सही सामंजस्य के साथ पूर्ण कर सकें। विवाह जीवनसाथी के रूप में दो व्यक्तियों का मिलन होता है और यह जीवन की निरंतरता से पहचाना जाता है। हिंदू धर्म में, शादी के बाद पारंपरिक रिवाजों का सेवन किया जाता है। वास्तव में, विवाह को पूर्णता तक पूर्ण या वैध नहीं माना जाता है। इसमें दो परिवार भी शामिल होते हैं। इस अवसर के लिए अनुकूल रंग सामान्य रूप से लाल और सुनहरे होते हैं।

कैसे निकला जाता हैं शुभ विवाह मुहूर्त और दिन?

विवाह मुहूर्त या vivah muhurat 2026 hindu panchang के अनुसार विवाह का शुभ दिन निकालने के लिए मुख्य रूप से तीन चरणों में कार्य किया जाता हैं। विवाह मुहूर्त के लिए सबसे पहले वर और कन्या की पत्रिकाओं का मिलान किया जाता है। यदि पत्रिका में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कम से कम 18 गुण मिल जाते हैं, तो वह पत्रिका विवाह के योग्य मानी जाती हैं।  आजकल online kundali in hindi के माध्यम से भी वर और कन्या की कुंडली का मिलान आसानी से किया जा सकता है।

कुंडली मिलान के उपरान्त दूसरे चरण में विवाह के लिए उत्तम दिन व तिथि को देखा जाता हैं। विवाह के लिए उत्तम दिन जानने के लिए पंचांग की सहायता ली जाती है, पंचांग में , ऐसे दिनों को चुनते हैं, जो सभी प्रकार से शुद्ध होते हैं। चुने गए दिन पूर्ण रूप से शुद्ध होने आवश्यक होते हैं क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताये गए 24 प्रकार के दोषो से मुक्त दिन को ही शुद्ध व विवाह के लिए शुभ माना जाता हैं।   इस प्रक्रिया में कई लोग vivah muhurat 2026 के अनुसार शुभ तिथि खोजते हैं।

तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है ग्रहो की स्तिथि को जानना। वैदिक ज्योतिष के अनुसार वर और कन्या की पत्रिका का अध्यन करते समय यह देखना बहुत महत्वपूर्ण होता है की जिस दिन के लिए हम वर और कन्या का विवाह देख रहे हैं, उस दिन वर और कन्या की पत्रिका में स्तिथ तीन ग्रह चंद्रमा, सूर्य और बृहस्पति की स्तिथि अच्छी होनी चाहिए जिसे त्रिबल शुद्धि कहा जाता हैं। ऐसा माना जाता हैं की वर और कन्या की राशि अनुसार चुना गया विवाह के दिन ग्रहो की स्तिथि, वर और कन्या की राशि से चौथे स्थान, आठवें स्थान या फिर बारहवें स्थान  पर नहीं होनी चाहिए। यही कारण है कि कई लोग पहले से vivah muhurat 2026 की पूर्ण जानकारी लेते हैं।

एस्ट्रोस्वामीजी आपके लिए साल 2026 में सभी शादी के मुहूर्त लेकर आया है। आप यदि कन्या और वर की कुंडली मिलान करके शादी का मुहूर्त और समय जानना चाहता है या जातकों की कुंडली मिलान की सहायता से गुण का अध्ययन करना चाहते हैं तो आपको तुरंत एस्ट्रोस्वामीजी से संपर्क करना चाहिए। इस वर्ष के मुहूर्तों में कई लोग विशेष रूप से january 2026 vivah muhurat की खोज भी करते हैं, क्योंकि नए वर्ष की शुरुआत में विवाह का महत्व अधिक माना जाता है। इसलिए साल भर के शुभ समय को समझने के लिए vivah muhurat 2026 का अध्ययन आवश्यक है।

जनवरी 2026 विवाह मुहूर्त की तारीख (january 2026 vivah muhurat)

तारीख दिन तिथि नक्षत्र 

14 जनवरी

बुध

माघ कृ। एकादशी

अनुराधा

23 जनवरी

शुक्र

माघ शु। पंचमी

 पू भाद्रपद

 

विवाह मुहूर्त फरवरी 2026

तारीख दिन तिथि नक्षत्र 

4 फरवरी

बुध

फाल्गुन कृ। तृतीया

उ.फाल्गुन

5 फरवरी

गुरु

फाल्गुन कृ। चतुर्थी

उ.फाल्गुन

10 फरवरी

मंगल

फाल्गुन कृ। अष्टमी

अनुराधा

20 फरवरी

शुक्र

फाल्गुन शु। तृतीया

रेवती

21 फरवरी

शनि

फाल्गुन शु। चतुर्थी

रेवती

24 फरवरी

मंगल

फाल्गुन शु।। अष्टमी

रोहिणी

25 फरवरी

बुध

फाल्गुन शु।। षष्ठी

रोहिणी

26 फरवरी

गुरु

फाल्गुन शु। दशमी

मृगशिरा

16 फरवरी

रवि

फाल्गुन कृ। अष्टमी

अनुराधा

25 फरवरी

मंगल

फाल्गुन शु। नवमी

उ.भाद्रपद

26 फरवरी

बुध

फाल्गुन शु। तृतीया

फाल्गुन शु। तृतीया

 

विवाह मुहूर्त मार्च 2026  

तारीख दिन तिथि नक्षत्र 

09 मार्च

सोम

चैत्र कृ। षष्ठी

अनुराधा

10 मार्च

मंगल

चैत्र कृ। सप्तमी

अनुराधा

11 मार्च

बुध

चैत्र कृ। अष्टमी

मूल

12 मार्च

गुरु

चैत्र कृ। नवमी

मूल

 

विवाह मुहूर्त अप्रैल 2026

तारीख दिन तिथि नक्षत्र 

26 अप्रैल

रवि

वैशाख शु। तृतीया

रोहिणी

 

विवाह मुहूर्त मई 2026

तारीख दिन तिथि नक्षत्र 

5 मई

मंगल

जेष्ठ कृ ।चतुर्थी

जेष्ठा

 

विवाह मुहूर्त जून 2026

तारीख दिन तिथि नक्षत्र 

22 जून

सोम

जेष्ठ शु।अष्टमी

 उ.फाल्गुन

29 जून

सोम

जेष्ठ शु चतुर्दशी

 मूल

 

विवाह मुहूर्त नवंबर 2026

तारीख दिन तिथि नक्षत्र 

21 नवंबर

शनि कार्तिक शु। द्वादशी  उ.फाल्गुन
24 नवंबर मंगल कार्तिक शु। चतुर्दशी  रोहिणी
25 नवंबर बुध कार्तिक पूर्णिमा  रोहिणी
26 नवंबर गुरु कार्तिक पूर्णिमा  हस्त

 

विवाह मुहूर्त दिसंबर 2026

तारीख दिन तिथि नक्षत्र 

2 दिसंबर

मंगल

मार्गशीर्ष कृ। प्रतिपदा

रोहिणी

4 दिसंबर

सोम

मार्गशीर्ष कृ। सप्तमी 

मघा

5 दिसंबर

बुध

मार्गशीर्ष कृ। नवमी

हस्त

6 दिसंबर

गुरु

मार्गशीर्ष कृ। दशमी

चित्रा

11 दिसंबर

शुक्र

मार्गशीर्ष कृ। एकादशी

मार्गशीर्ष कृ। एकादशी

12 दिसंबर

शनि

मार्गशीर्ष कृ। एकादशी

मार्गशीर्ष कृ। एकादशी

हिंदू विवाह में शुभ मुहूर्त का चयन उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है जितना प्रमुख त्योहारों की ऊर्जा को समझना। जैसे Mauni Amavasya in Hindi 2026 पर मौन, साधना और आत्मचिंतन शुभ फल देते हैं, वैसे ही विवाह तिथि तय करते समय भी ग्रहों और पंचांग की पवित्रता देखी जाती है। पंजाब में मनाई जाने वाली लोहड़ी 2026 सकारात्मक ऊर्जा और नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है, जो विवाह जैसे पवित्र बंधन के लिए प्रेरणा देता है। इसी तरह Basant Panchami in Hindi 2026 विद्या, सौभाग्य और शुभ कार्यों के आरंभ का श्रेष्ठ दिन माना जाता है, इसलिए विवाह के मुहूर्त निर्धारण में इसकी ऊर्जा भी लाभकारी समझी जाती है। दक्षिण भारत का प्रमुख पर्व Pongal in Hindi 2026 और सूर्य परिवर्तन का उत्सव Makar Sankranti in Hindi 2026 दोनों ही ग्रहों के शुभ प्रभाव और नए आरंभ की ओर संकेत करते हैं—जो विवाह मुहूर्त तय करते समय त्रिबल शुद्धि, तिथि चयन और दोष रहित दिनों को समझने में ज्योतिषीय आधार प्रदान करते हैं।


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