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परशुराम जयंती 2024, 10 मई 2024 - इस दिन व्रत करने से स्वर्ग मिलता है और बुद्धिमान संतान की प्राप्ति होती है
परशुराम जी को भगवान विष्णु का छठा अवतार बताया गया है| आपको बता दें कि शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम रहे हैं जिन्होंने की धरती से क्षत्रियों का नाश करने की कसम खा रखी थी| परशुरामजी के डर से ही क्षत्रिय कहां तहाँ छुप गए थे, जब कश्यप मुनी जी को लगा कि परशुराम धरती से क्षत्रियों का नाश कर देंगे तब किसी तरीके से देव लोक में बात पर चर्चा हुई कि किसी भी तरीके से परशुराम को अब धरती से चले जाने के लिए मनाया जाए और तब देवताओं के निवेदन पर परशुराम महेंद्र पर्वत पर रहने चले गए थे|
मई 2024 के अंदर परशुरामजयंती 10 मई को आने वाली है| आपको बता दें कि यह दिन अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन व्रत करने से जातक को जहां एक तरफ स्वर्ग की प्राप्ति होती है तो वहीं जिन लोगों को संतान चाहिए और संतान की प्राप्ति नहीं हो पारी है तो वह अगर परशुराम जयंती पर अनुष्ठान के साथ व्रत रखे तो उसको संतान की प्राप्ति हो सकती है| आइए आपको परशुराम जी से जुड़ी हुई दो प्रमुख कहानियों के बारे में बताते है-
शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि एक बार परशुराम जी के पिता ने अपनी पत्नी रेणुका से क्रोधित होकर परशुराम को उनकी हत्या करने का आदेश दिया था उसका पालन किया और अपनी मां को मार दिया था| परशुराम जी के काम से संतुष्ट होकर पिता जमदग्नि ने बेटे से पूछा था कि अब तुम क्या चाहते हो तो उस बालक परशुराम ने वापस अपनी मां का जीवन मांग लिया था, इस तरीके से परशुराम जी ने अपने पिता और मां के प्रति अपनी भक्ति पूरी तरीके से सिद्ध कर दी थी|
परशुराम भगवान से जुड़ी हुई दूसरी कहानी यह है कि परशुराम जी की गाय कामधेनु को क्षत्रिय राजा कार्तिक वीर ने मार दिया था तब इस बात से क्रोधित होकर परशुराम जी ने कसम खाई थी कि वह क्षत्रियों को धरती से पूरी तरीके से खत्म कर देंगे। सभी छत्रिय परशुराम जी के डर के चलते धरती से भाग गए थे तब कश्यप मुनि ने परशुराम को इस दुनिया को छोड़ने का आदेश दिया था और परशुराम जी महेंद्र पर्वत पर चले गए थे| परशुरामभगवान का जन्मदिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है 2019 में 7 मई को है|
परशुराम जयंती पर अगर व्रत की बात करें तो इस दिन व्रत करने वाले जातक को सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले अपने दिन के शुरुआती कामों को खत्म करने के बाद स्नान आदि करने के बाद सबसे पहले परशुराम भगवान की किसी प्रतिमा के आगे दीप जलाना चाहिए। अगर आपके पास परशुराम भगवान की कोई प्रतिमा नहीं है तो आपको विष्णु भगवान की प्रतिमा का इस्तेमाल कर लेना चाहिए। दीपक धूपबत्ती करने के बाद आप अगर परशुराम भगवान के जीवन पर आधारित कहानियों को पढ़ते हैं तो यह बेहतर रहेगा। लोग अक्सर सवाल पूछते हैं कि परशुराम जयंती पर किस आरती का पाठ करना चाहिए तो आपको बता दें कि परशुराम जयंती पर भगवान विष्णु की आरती और मंत्रों का उच्चारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
परशुराम जयंती पर व्रत करने वाले लोगों को अधिक भोजन करने से बचना चाहिए। दिन के किसी एक समय ही खाना बेहतर रहता है। यदि आप सुबह व्रत का खाना खा रहे हैं तो इसके बाद बेहतर होगा कि आप दिन की आखिरी पहर में ही व्रत खोलें। व्रत खोलने से पहले रात्रि में एक बार फिर से परशुराम भगवान की प्रतिमा के आगे बैठकर मंत्रों का जाप करना चाहिए और परशुराम भगवान से प्रार्थना करना शुभ फल देता है।
Parashuram Jayanti 2019 date and Region
Days Left for Parshuram Jayanti 2019 holiday |
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Parshuram Jayanti holiday will come in the next 12 days. |
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Parshuram Jayanti 2019, 2020, 2018, 2017 and 2016 Dates |
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Year |
Weekday |
Date |
2020 |
Saturday |
April 25th |
2019 |
Tuesday |
May 7th |
2018 |
Wednesday |
April 18th |
2017 |
Friday |
April 28th |
2016 |
Monday |
May 9th |
Most Common Region Where Parhuram Jayanti will Celebrate in 2019 |
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Regions |
Date |
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Gujarat, Himachal Pradesh, Haryana, Madhya Pradesh, Rajasthan |
May 7th |
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Summary |
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As we all know Lord Parshuram was the 6th Epitome of Lord Vishnu in Hinduism. He is one of the son of Renuka and Saptarishi Sage Jamadagni |
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