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कब हैं 2026 में परशुराम जयंती

परशुराम जयंती 2026, 19 अप्रैल 2026 - इस दिन व्रत करने से स्वर्ग मिलता है और बुद्धिमान संतान की प्राप्ति होती है

परशुराम जी को भगवान विष्णु का छठा अवतार बताया गया है| आपको बता दें कि शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम रहे हैं जिन्होंने की धरती से क्षत्रियों का नाश करने की कसम खा रखी थी| परशुरामजी के डर से ही क्षत्रिय कहां तहाँ छुप गए थे, जब कश्यप मुनी जी को लगा कि परशुराम धरती से क्षत्रियों का नाश कर देंगे तब किसी तरीके से देव लोक में बात पर चर्चा हुई कि किसी भी तरीके से परशुराम को अब धरती से चले जाने के लिए मनाया जाए और तब देवताओं के निवेदन पर परशुराम महेंद्र पर्वत पर रहने चले गए थे|

अप्रैल 2026 के अंदर परशुरामजयंती 19 अप्रैल को आने वाली है| आपको बता दें कि यह दिन अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन व्रत करने से जातक को जहां एक तरफ स्वर्ग की प्राप्ति होती है तो वहीं जिन लोगों को संतान चाहिए और संतान की प्राप्ति नहीं हो पारी है तो वह अगर परशुराम जयंती पर अनुष्ठान के साथ व्रत रखे तो उसको संतान की प्राप्ति हो सकती है| आइए आपको परशुराम जी से जुड़ी हुई दो प्रमुख कहानियों के बारे में बताते है-

परशुराम भगवान ने जब अपनी मां का सर काट दिया था

शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि एक बार परशुराम जी के पिता ने अपनी पत्नी रेणुका से क्रोधित होकर परशुराम को उनकी हत्या करने का आदेश दिया था उसका पालन किया और अपनी मां को मार दिया था| परशुराम जी के काम से संतुष्ट होकर पिता जमदग्नि ने बेटे से पूछा था कि अब तुम क्या चाहते हो तो उस बालक परशुराम ने वापस अपनी मां का जीवन मांग लिया था, इस तरीके से परशुराम जी ने अपने पिता और मां के प्रति अपनी भक्ति पूरी तरीके से सिद्ध कर दी थी|

गौ हत्या के लिए धरती से क्षत्रियों का नाश

परशुराम भगवान से जुड़ी हुई दूसरी कहानी यह है कि परशुराम जी की गाय कामधेनु को क्षत्रिय राजा कार्तिक वीर ने मार दिया था तब इस बात से क्रोधित होकर परशुराम जी ने कसम खाई थी कि वह क्षत्रियों को धरती से पूरी तरीके से खत्म कर देंगे। सभी छत्रिय परशुराम जी के डर के चलते धरती से भाग गए थे तब कश्यप मुनि ने परशुराम को इस दुनिया को छोड़ने का आदेश दिया था और परशुराम जी महेंद्र पर्वत पर चले गए थे| परशुरामभगवान का जन्मदिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है 2019 में 7 मई को है|

कैसे करें परशुराम जयंती का व्रत 

परशुराम जयंती पर अगर व्रत की बात करें तो इस दिन व्रत करने वाले जातक को सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले अपने दिन के शुरुआती कामों को खत्म करने के बाद स्नान आदि करने के बाद सबसे पहले परशुराम भगवान की किसी प्रतिमा के आगे दीप जलाना चाहिए। अगर आपके पास परशुराम भगवान की कोई प्रतिमा नहीं है तो आपको विष्णु भगवान की प्रतिमा का इस्तेमाल कर लेना चाहिए। दीपक धूपबत्ती करने के बाद आप अगर परशुराम भगवान के जीवन पर आधारित कहानियों को पढ़ते हैं तो यह बेहतर रहेगा। लोग अक्सर सवाल पूछते हैं कि परशुराम जयंती पर किस आरती का पाठ करना चाहिए तो आपको बता दें कि परशुराम जयंती पर भगवान विष्णु की आरती और मंत्रों का उच्चारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। 

परशुराम जयंती पर व्रत करने वाले लोगों को अधिक भोजन करने से बचना चाहिए। दिन के किसी एक समय ही खाना बेहतर रहता है। यदि आप सुबह व्रत का खाना खा रहे हैं तो इसके बाद बेहतर होगा कि आप दिन की आखिरी पहर में ही व्रत खोलें। व्रत खोलने से पहले रात्रि में एक बार फिर से परशुराम भगवान की प्रतिमा के आगे बैठकर मंत्रों का जाप करना चाहिए और परशुराम भगवान से प्रार्थना करना शुभ फल देता है।

Parashuram Jayanti 2026 date and Region

Days Left for  Parshuram Jayanti 2026 holiday

Parshuram Jayanti holiday will come in the next 12 days.

परशुराम जयंती 2029, 2028, 2027, 2026 and  2025 तिथियाँ 

वर्ष

वार

तिथि

2029

बुधवार

16 मई

2028

गुरुवार

27 अप्रैल

2027

शनिवार

8 मई

2026

रविवार

19 अप्रैल

2025

मंगलवार

29 अप्रैल

 Most Common Region Where Parhuram Jayanti will Celebrate in 2019

Regions

Date

गुजरात हिमाचल प्रदेश हरियाणा मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र

उत्तर प्रदेश पंजाब कर्नाटक

May 7th

 Summary

As we all know Lord Parshuram was the 6th Epitome of Lord Vishnu in Hinduism.  He is one of

 the son of  Renuka and Saptarishi Sage Jamadagni

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