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मंगलसूत्र ज्योतिषीय महत्व और रहस्य

मंगलसूत्र: ज्योतिषीय महत्व और रहस्य

ज्योतिष शास्त्र में मंगलसूत्र का बहुत बड़ा महत्व रहा है| पति-पत्नी के बीच जो संबंध है भारतीय संस्कृति में मंगलसूत्र से ही वह एक दूसरे से जुड़ते हैं मंगलसूत्र वस्तुतः एक आभूषण का नाम दिया गया है लेकिन वह मात्र आभूषण ना होते हुए सदैव सौभाग्य का प्रतीक और सदियों से भारतीयस्त्रि यों के गले में सुशोभित होने वाला नवरत्नों से युक्त स्वर्णऔर रजत चांदी जैसे धातुओं से युक्त और रेशमी धागों से युक्त होता है ज्योतिषीय शक्तियों और ग्रहों की विशेष ताकत उसके अंदर होती है पहले से ही चली आ रही कई प्रकार के परंपराएं एक स्त्री अपने पति के निशानी के तौर पर सौभाग्य के तौर परमंगलसूत्र को धारण करती है और उसके सुहाग का मंगलसूत्र एक बहुत बड़ी निशानी भी मानी जाती है ज्योतिष शास्त्र में मंगलसूत्र का बहुत बड़ा प्रभाव माना जाता है और अलग-अलग राशियों के लोगों के लिए स्त्रियों के लिएअलग-अलग मंगल सूत्र पहनने का विधान ज्योतिष शास्त्रों में मुहूर्त चिंतामणि और व्रत संहिता आदि में किया गया है

मंगलसूत्र एक आभूषण

भारतीय समाज में एक अति सम्मानजनकऔर सांस्कृतिक महत्व रखने वाला शब्द है दो शब्दों से जुड़कर के मंगलसूत्र बना है मंगल और सूत्र ऐसा सूत्र जो जीवन में मंगल करता है या फिर ऐसा सूत्र जो आपके जीवन को मंगल से जोड़ता है

राशियों के अनुसार मंगलसूत्र

 

राशि

रत्न

धातु
मेष राशि की स्त्री  मूंगा रत्न से युक्त  स्वर्ण मंगलसूत्र
वृषभ राशि की स्त्री  मोती रत्न से युक्त  चांदी मंगलसूत्र
मिथुन राशि की स्त्री  पन्ना रत्न से युक्त   तांबे या स्वर्ण मंगलसूत्र
कर्क राशि की स्त्री  शुद्ध मुक्त से युक्त   चांदी मंगलसूत्र
सिंह राशि की स्त्री  माणिक्य रत्न से युक्त  स्वर्ण मंगलसूत्र
कन्या राशि की स्त्री  पन्ना रत्न से युक्त  चांदी मंगलसूत्र
तुला राशि की स्त्री  हीरा रत्न से युक्त  मंगलसूत्र
वृश्चिक राशि की स्त्री  मूंगा रत्न से युक्त  मंगलसूत्र
धनु राशि की स्त्री  पुखराज रत्न से युक्त  पीले रंग का मंगलसूत्र
मकर राशि की स्त्री  नीलम रत्न से युक्त  लौह धातु का मंगलसूत्र
कुंभ राशि की स्त्री  गोमेद रत्न से युक्त  मंगलसूत्र
मीन राशि की स्त्री  मूंगा रत्न से युक्त  स्वर्ण मंगलसूत्र

मंगलसूत्र ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कैसे तैयार करते हैं

मंगलसूत्र रेशमी धागे में तैयार किया जाता है ज्योतिष शास्त्र में काले  और नीला रंग शनि का और राहु का प्रतीक माना जाता है और साथ ही न्याय का भी प्रत्येक माना जाता है लाल कलर सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है

मंगलसूत्र ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धारण करते हैं

मंगलसूत्र को हमेशा शुभ दिन शुभ लग्न और शुभ वार में ही धारण करना चाहिए सबसे पहले मंगलसूत्र विवाह के लग्न में ही धारण करवाया जाता है लेकिन अन्य समय पर भी मंगलसूत्र को अच्छे समय पर ही धारण करना चाहिए मंगलसूत्र को हो सके तो स्थिर लग्नो में धारण करना चाहिए इससे पति की आयु में वृद्धि होती है और घर में धनलक्ष्मी की का भी आगमन होता है मंगलसूत्र धारण करते समय इस मंत्र को बोलना चाहिए | ओम मंगलम भगवान विष्णु मंगलम गरूड़ोध्वजा मंगलम पुण्डरी कक्षा मंगलायातानो हरे

मंगलसूत्र धारण करने का मंत्र

ओम मंगलम भगवान विष्णु मंगलम गरूड़ोध्वजा | मंगलम पुण्डरी कक्षा मंगलायातानो हरे ||

मंगलसूत्र - आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न (F&Q)

1. मंगलसूत्र क्या है?

मंगलसूत्र एक पवित्र ज़ेबरा है जो हिंदू शादीशुदा महिलाएं पहनती हैं। यह "मंगल" (शुभ) और "सूत्र" (धागा) से बना है, जो पति की लंबी आयु और खुशहाल शादीशुदा जीवन का प्रतीक माना जाता है।

2. मंगलसूत्र का डिज़ाइन कैसा होता है?

चेन: सोने या काले मोतियों से भरी डोर। पेंडेंट: सोने के दो स्थूल गोलाकार टुकड़े या ब्लैक बीड्स के साथ लटकन।
क्षेत्रीय विविधता: उत्तर भारत: काले मोती + सोने के पेंडेंट। दक्षिण भारत (ताली): सोने की 
चौड़ी चेन + फ्लैट पेंडेंट।
महाराष्ट्र/बंगाल: विशेष डिज़ाइन जैसे तुलसी वृंदावन या लक्ष्मी पत्ता।

3. मंगलसूत्र क्यों पहनते हैं?

धार्मिक महत्व: शादी के समय पति द्वारा पहनाया जाता है, जो स्त्री के विवाहित होने का प्रतीक है।
सामाजिक परंपरा: इसे "सौभाग्य" और पति की सुरक्षा का चिन्ह माना जाता है।

4. क्या विवाह के बाद हमेशा मंगलसूत्र पहनना ज़रूरी है?

परंपरा के अनुसार हाँ, लेकिन आजकल कई महिलाएं आधुनिक जीवनशैली में इसे स्पेशल अवसरों पर ही पहनती हैं।

5. मंगलसूत्र के बिना शादी पूरी होती है?

हिंदू विवाह में मंगलसूत्र पहनाना एक महत्वपूर्ण रिवाज़ है, लेकिन कुछ आधुनिक समारोहों में इसे छोड़ा भी जा सकता है।

6. क्या 
मंगलसूत्र विधवा महिलाएं पहन सकती हैं?

पारंपरिक रूप से नहीं, लेकिन आजकल अनगिनत महिलाएं इसे यादगार के तौर पर पहनती हैं।

 

 


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