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चंद्रयान 2 मिशन भारत का एक महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। निश्चित रूप से ही बहूत से राष्ट्रों ने और महाशक्तियों ने चंद्रमा को छूने के लिए अपनी बहु ताक़त लगायी हैं । इस मिशन में बहुत सी राष्ट्र शक्तियां सफल हुई हैं और बहुत सी राष्ट्र शक्तियो को मुँह की खानी पड़ी हैं। नासा के रिकॉर्ड के अनुसार अब तक कुल 109 मून मिशन हुए हैं जिनमे से 61 मून मिशन सफल हुए हैं और 48 विफल हुए हैं। कई राष्ट्रों को इसमें सामान्य संतोष भी करना पड़ा हैं। भारत का मून मिशन चंद्रयान 2 एक सामान्य बजट वाला प्रोजेक्ट हैं तथा जनभावनाओं से जुड़ा हुआ प्रोजेक्ट है जिस कारण से इस मिशन से भारत के लोगों की बहुत अपेक्षाएं जुड़ी हैं।
978 करोड़ के बजट से बना हैं चंद्रयान 2
इसरो के आज तक जितने भी मिशन रहे हैं उसमें एक बात ख़ासकर के सामने आती हैं कि ये सारे मिशन आर्थिक रूप से काफ़ी किफ़ायती रहे हैं। जहाँ तक बात करें चंद्रयान 2 मिशन की तो कुल नो सौ करोड़ के आस पास मिशन का टोटल बजट रहा है। आज कल कि यदि हम स्थितियां देखें तो हॉलीवुड में बनने वाली मूवीज़ तथा बॉलीवुड में भी बनने वाली मूवीज़ का बजट चंद्रयान 2 जैसे मिशन से काफ़ी ज़्यादा रहता हैं। सारी बातों के बीच एक बड़ी बात है कि निश्चित रूप से इस मिशन में इसरो के वैज्ञानिकों ने बहुत मेहनत करी और उनको चंद्रयान 2 मिशन में काफ़ी हद तक सफलता भी प्राप्त हुई अब यदि हम चंद्रयान मिशन के प्रोजेक्ट के बारे में बात करें तो 22 अक्टूबर 2008 को इस इस मिशन की शुरुआत इसरो के द्वारा की गई यदि हम उस समय की ग्रहस्थिति और है ज्योतिष विज्ञान के माध्यम से विश्लेषण करते हैं तो कुछ बातें समझ आ रही हैं कि इसरो द्वारा कुल चार से पांच मून मिशन होंगे जो शर्तिया ही एक नयी कामयाबी की तरफ अगरसर होंगे।
लांच तिथि: 22 जुलाई 2019
लांच समय: शाम 2 बजकर 43 मिनट्स
लांच स्थान: आंध्र प्रदेश, भारत
जहाँ तक ग्रहों की बात है सिंह राशि में स्थित शनि, मकर राशि में स्थित राहू और तुला राशि में स्थित मंगल सूर्य की स्थिति यह बताती है कि मिशन की सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बहु मेहनत करनी होगी और अथक प्रयास के बाद उनको निश्चित ही सफलता प्राप्त होने वाली है जहाँ तक हम बात करते हैं इसरो के चेयरमैन के सेवन जी के विषय में इनकी पत्रिका में स्थित गज केसरी योग और पांचवें घेरे में इससे चारग्रही राज योग योग इस बारे में सूचित करते हैं कि श्रीमान के सिवान का कार्यकाल इसरो के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में होगा और इसरो इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में होगा और इसरो को स्पेस साइंस के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर पहुँच जाएगा निश्चित रूप से इसरो को स्पेस साइंस के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर पहुँचाएगा।
निश्चित रूप से मिशन चंद्रयान 2 जो कि अपनी महत्वाकांक्षी कार्य योजना में अभी के समय में सफलता प्राप्त करता नहीं मालूम होता है परंतु ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहो के बदलते ही जल्द ही कुछ अच्छी ख़बरें मिशन चंद्रयान 2 के बारे में इसरो भारत और सारी दुनिया को देने वाला है। समय का इंतज़ार और आने वाले मिशन मै निश्चित रूप से एक दिन भारत अपने वैज्ञानिकों को चंद्र तक पहुँचाने में क़ामयाब हो पाएगा।
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